रांची। सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी बदल रहा है. एक के बाद एक नई सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है. अलग-अलग वार्ड के अलावा सुपरस्पेशियलिटी जैसा इलाज मिलने से मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे है. अब हॉस्पिटल प्रबंधन ने इनडोर में इलाज करा रहे मरीजों के लिए अच्छी पहल की है. जिससे कि इनडोर में इलाजरत मरीज हॉस्पिटल में दवा उपलब्ध नहीं रहने पर बाहर से खरीद सकेंगे. जिसका बिल हॉस्पिटल प्रबंधन भरेगा. इससे इलाज को आने वाले मरीजों की जेब पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा. वहीं दवा के इंतजार में उनका इलाज नहीं रूकेगा. बताते चलें कि आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को यह सुविधा दी जाएगी.
कैसे मिलेगी मरीजों को सुविधा
इनडोर में एडमिट मरीजों को वैसे तो सभी दवाएं उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन डॉक्टरों की लिखी कुछ दवाएं ऐसी होती है जो हॉस्पिटल के स्टोर में नहीं होती. ऐसे में मरीज के परिजन बाहर के मेडिकल से दवा खरीद सकते है. इसके बाद दवा का पक्का बिल उन्हें हॉस्पिटल में जमा करना होगा. जिसका भुगतान परिजन को तत्काल कर दिया जाएगा.
आयुष्मान में मिला था देश में दूसरा स्थान
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में रांची से ही की गई थी. इसके बाद से हॉस्पिटल में इलाज को आने वाले मरीजों को योजना का लाभ देने की शुरुआत हुई. योजना शुरू होने के एक साल के बाद 2019 में सदर हॉस्पिटल रांची ने 6841 मरीजों का इलाज कर देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया. गुजरात का दादरा हॉस्पिटल 7157 मरीजों का इलाज कर पहले स्थान पर रहा था. देश भर के मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटलों में उस समय सदर हॉस्पिटल 10वें नंबर पर रहा. जबकि, प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल में ओवरऑल देश में 27वां स्थान मिला था. इसके बाद से लगातार आयुष्मान योजना से मरीजों का इलाज चलल रहा है.
अबतक 21 करोड़ मिले आयुष्मान क्लेम से
सदर हॉस्पिटल में अब इलाज को आने वाले अधिकतर मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया जा रहा है. जिससे कि मरीजों को पीआईसीयू, आईसीयू, आर्थो, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, आई सर्जरी की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल रही है. चार साल में मरीजों का इलाज करने के बाद हॉस्पिटल ने लगभग 21 करोड़ रुपए क्लेम लिया है. ये राशि हॉस्पिटल में इक्विपमेंट से लेकर दवाएं खरीदने में खर्च की जा रही है.