पाकुड़। पाकुड़ जिला में अवैध खनन और खनन रॉयल्टी जमा नहीं करने का मामला एक फिर जोर पकड़ा है. मामले में एक बार फिर से शिकायत की गयी है. जहां दस सालों से पाकुड़ सदर प्रखंड से खनन रॉयल्टी जमा नहीं करने की बात कहीं गयी है. इस बार शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय एवं निगरानी में की गयी है. जहां बताया गया है कि पिछले दस सालों से पाकुड़ जिला में खनन कार्यों के लिये प्राप्त रॉयल्टी और जीएसटी की राशि गबन की गयी है. यहां दस सालों में लगभग 41 करोड़ रूपये खनन विभाग में जमा नहीं किया गया है. इसमें जिला में पदस्थापित अधिकारियों के मिली भगत की बात भी कही गयी है. मामले में शिकायत मिलने पर साल नवंबर 2021 में जिला डीडीसी ने कारवाई की थी. डीडीसी ने पाकुड़ सदर बीडीओ से मामले की वर्षवार विवरणी मांगी थी. लेकिन फिर भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
पहले भी हो चुकी है शिकायतें
मामले में अलग-अलग स्रोतों ने समय समय पर इसकी शिकायत की. इसके पहले मामले की शिकायत खनन विभागा, वित्त विभाग आदि में हो चुकी है. फिर भी मामले मे कोई कारवाई नहीं की गयी है. वहीं जिला उपायुक्त और डीडीसी से कारवाई की मांग की जा रही है. जिसमें रॉयल्टी और जीएसटी की राशि कहां है इसकी जांच करने की मांग की गयी है. इन पत्रों में जिक्र है कि पिछले दस सालों के दौरान पाकुड़ सदर प्रखंड में हुए खनन और रॉयल्टी से संबधित ट्रेजरी दस्तावेजों की जांच की जायें. जिसके बाद मामले में कारवाई की जायें.
गबन का आरोप
पत्र में जिक्र है कि काटी गयी राशि का गबन किया गया है. इसलिये इसे विभाग में जमा नहीं किया गया है. शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल है. उन्होंने लिखा है कि उपायुक्त को भी मामले की शिकायत की गयी थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके पूर्व मामलें में उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की गयी थी. जहां, जांच में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गयी थी. लेकिन उक्त कमेटी में जिला अधिकारियों को शामिल नहीं करने की मांग की गयी थी.