आदिम जनजाति के 5 युवकों को बंधक बनाकर पीटा और सिर मुड़वाया

गढ़वा। जिले के चिनियां थाना क्षेत्र के पाल्हे गांव में आदिम जनजाति समुदाय के पांच युवकों को बांधकर पिटाई किए जाने और उनका सर मुंडवाने का मामला प्रकाश में आया है. आदिम जनजाति समुदाय के लोगों के साथ हुई इस घटना का आरोप बेता पंचायत के मुखिया पर लगा है. इस मामले में चिनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसकी पुष्टि चिनियां थाना प्रभारी वीरेंद्र हांसदा ने की है. इस मामले में मुखिया परमेश्वर सिंह समेत आठ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीड़ितों की पहचान दिनेश कोरवा, विनोद कोरवा, अजय कोरवा गंगा कोरवा तथा रूपेश कोरवा के रूप में हुई है. सभी पाल्हे गांव के निवासी हैं. थाना प्रभारी ने मामले में संलिप्त लोगों की जल्द गिरफ्तार होने की बात कही है.वहीं पंचायत के मुखिया रामेश्वर सिंह ने इस संबंध में कहा कि उक्त युवकों द्वारा शराब पीकर बदमाशी किया जा रहा था इसलिए बांधकर पिटाई की घटना हुई है. इस घटना के बाद से पीड़ित युवक काफी डरे हुए थे और थाने नहीं जा रहे थे. लेकिन गांव के सहयोग से थाना पहुंचे तथा बेता मुखिया रामेश्वर सिंह व बेता के ही बंधु यादव, मनोज यादव तथा सीदे गांव के मनोज यादव पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

पीड़ितों ने दी जानकारी

इस मामले को लेकर पीड़ित विनोद कोरवा ने बताया कि पिछले दिनों जब दुर्गा पूजा के दशमी के दौरान मां दुर्गा जी का जब वह फोटो ले रहे थे तभी वहां से कोरवा जाति कह कर मंडप से धकेल कर बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद गांव के ही गंगा कोरवा, रुपेश कोरवा, दिनेश कोरवा पहुंचे तथा मामले को लेकर बीच बचाव करने लगे लेकिन उनके साथ भी मारपीट की गई एवं गाली-गलौज भी किया गया. उसके बाद छह अक्टूबर को विसर्जन के दौरान भी गंगा कोरवा की उसी गांव के मनोज यादव ने पिटाई की. इतना होने के बाद भी गुरुवार को पंचायत के मुखिया रामेश्वर सिंह, बंधु यादव, मनोज यादव पाल्हे, मनोज यादव सिदे ने सभी पांचों लोगों को मीटिंग का बहाना कर बुलाया तथा सभी की रस्सी से हाथ बांध बेरहमी से पिटाई की गई और सिर के आधे हिस्सा का मुंडन किया गया तथा मोबाइल से वीडियो बनाया गया. इश दौरान जब दिनेश कोरवा ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो उसके सिर पर हमला कर उसे गहरी चोट पहुंचाई गई.

स्थानीय संगठनों ने किया विरोध
आदिम जनजाति के जिला अध्यक्ष नन्हेश्वर कोरवा ने कहा कि कोरवा आदिम जनजाति के युवकों की बेवजह पिटाई की गई है.इस दौरान छुआछूत की भावना से तथा जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया गया है तथा गाली-गलौज किया गया है. दुर्गा के प्रतिमा को लेकर छुआछूत को लेकर सारा मामला हुआ है सर का बाल का मुंडन किया गया है, शासन इसमें त्वरित कार्रवाई करें अन्यथा हमलोग बाध्य होकर जिला कार्यालय को घेराव करेंगे.

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