रांची। लंबे समय तक विवादों में रहने के बाद जेपीएससी सहायक अभियंता नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. झारखंड लोक सेवा आयोग सहायक अभियंता परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार सोमवार से शुरू हो रहा है. जेपीएससी ने इंटरव्यू के लिए तैयारी पूरी कर ली है. सुबह 10 बजे से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन का कार्य हर दिन होगा इसके बाद इंटरव्यू होगा.
2019 से चल रही नियुक्ति की प्रक्रिया
लंबे समय के बाद राज्य में सहायक अभियंता के रिक्त पड़े पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. जो 2019 से अब तक पूरा नहीं हो सका. लेकिन इसके लिए अब प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस परीक्षा के लिए जेपीएससी ने ऑनलाइन आवेदन 15 अक्टूबर 2019 से शुरू किया था, जो 21 नवंबर 2019 तक चला. जेपीएससी ने इस परीक्षा के लिए पीटी परीक्षा 19 जनवरी 2020 को आयोजित किया था. जिसमें सफल अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा 23 से 25 मार्च 2021 तक पहले आयोजित होनी थी, जो ऐन वक्त पर स्थगित करना पड़ा.
इसके जेपीएससी द्वारा मुख्य परीक्षा 22 से 24 अक्टूबर 2021 तक लिया गया. जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का 30 मई 2022 से साक्षात्कार शुरू किया था. लेकिन झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद 6 जून को साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया. हाई कोर्ट ने 14 जुलाई को आदेश पारित करते हुए परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी. जिसके बाद इस नियुक्ति प्रक्रिया में आ रही बाधा दूर हुई और अब मुख्य परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चलेगा. गौरतलब है कि लंबे समय के बाद राज्य में सहायक अभियंता नियुक्ति परीक्षा आयोजित की जा रही है जो पिछले 3 वर्ष से जेपीएससी द्वारा प्रक्रियाधीन है. जिसके तहत सिविल सहायक अभियंता के 542 और सहायक अभियंता मैकेनिकल के 95 पदों पर नियुक्ति होनी है.
ये था विवाद का कारण
सहायक अभियंता नियुक्ति परीक्षा शुरू से ही विवादों में रहा है. झारखंड हाई कोर्ट में यह मामला तब पहुंच गया जब प्रार्थी भास्कर की ओर से यह कहा गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में 256 अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में शामिल किया गया है, जो आरक्षित श्रेणी में आते हैं. जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में कोटि वार परिणाम जारी किया है. ईडब्ल्यूएस में महिला अभ्यर्थियों का अलग से परिणाम जारी किया है, ऐसा करना नियुक्ति नियमावली और विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है. राज्य सरकार के पास प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए पीटी परीक्षा परिणाम को रद्द कर देना चाहिए.