राज्य में बढ़ रहा डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप, बढ़ी चिंता

रांची। झारखंड में इन दिनों कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद कम हो गयी है. अब इक्का दुक्का ही कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं. राहत वाली इस खबर के बीच स्वास्थ्य विभाग की चिंता फिर एक बार एडीस मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी डेंगू और चिकनगुनिया ने बढ़ा दी है.

झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया तेजी से पांव पसार रहा है. सितंबर महीने में ही राज्य में 45 कंफर्म मामले चिकनगुनिया के और 36 डेंगू के कंफर्म केस मिले. वहीं अक्टूबर महीन के 10 दिन में ही करीब 30 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं. हर दिन रिम्स के ओपीडी में डेंगू और चिकनगुमिया के लक्षण के साथ संदिग्ध मरीज प्रदेश के अलग अलग जिलों से पहुंच रहे हैं. रिम्स के डेंगू वार्ड में कोडरमा, रांची के रातू और धुर्वा सहित अन्य इलाकों से 06 डेंगू संक्रमित का इलाज चल रहा है.

डेंगू और चिकनगुमिया के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला के सिविल सर्जन को विशेष निर्देश जारी किया है. जिन इलाकों में संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं वहां अभियान चलाकर संदिग्धों की जांच, लार्वा रोधी दवाइयों का छिड़काव, घरों और आसपास इलाकों में पानी जमा बर्तन, टायर और गमलों को साफ करवा रहे हैं.

झारखंड में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल बोर्ड के स्टेट हेड डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि राज्य में चिकनगुनिया के 1103 संदिग्धों की जांच में 151 पॉजिटिव केस मिले हैं. वहीं डेंगू के 1102 सैंपल की जांच में 175 डेंगू संक्रमित मिले हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा केस रांची में मिले हैं. स्टेट हेड ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए सभी जिला के सिविल सर्जन को निर्देश दिए जा चुके हैं.

अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही

रिम्स मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. विद्यापति कहते हैं कि भले ही अभी स्थिति कमांड में हो और चिंतित होने वाली स्थिति नहीं है. लेकिन धीरे धीरे अब डेंगू के मरीजों का भी अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है. डॉ. विद्यापति ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि सावधानी बरतें और साफ सफाई पर ध्यान रखकर, घर में बर्तन में जमा पानी, कूलर का पानी और खराब टायर, कचड़े में जमा पानी को साफ करके एडीस मच्छर को बढ़ने से रोका जा सकता है. जब मच्छर नहीं रहेंगे तो डेंगू का फैलाव स्वतः रूक जाएगा. इसके अलावा मच्छर से बचने के लिए हमेशा मच्छरदानी के अंदर ही सोना चाहिए.

डॉ. विद्यापति कहते हैं कि कहा कि तेज बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखे, शरीर पर चकते बने हुए दिखे तो देर ना करते हुए तुरंत अस्पताल आकर डॉक्टर से जांच कराएं. डॉ. विद्यापति ऐसे मामले में खुद से दवा ना लेने की अपील करते हुए कहते हैं कि ऐसे लक्षण में एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अज्ञानतावश कई लोग झोलाछाप डॉक्टर का शिकार हो जाते हैं.

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