रांची। पूर्व सांसद और झारखंड के वरिष्ठ नेता के तौर पर काम कर चुके सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखंड सहित पूरे देश में आदिवासियों की जो स्थिति बनी हुई है वह अच्छी नहीं है. खास कर झारखंड में सोरेन परिवार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार ने मुस्लमान और ईसाई वोट बैंक की मदद से झारखंड की सत्ता में 5 बार सत्ता सुख पाया, लेकिन जनता के लिए कोई काम नहीं किया.
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने बताया कि रघुवर दास की सरकार में हेमंत सोरेन ने कुड़मी और महतो समाज के लोगों को शेड्यूल ट्राइब में शामिल करने की बात कही थी. ऐसे में जो मूल आदिवासी हैं उनका विकास कैसे हो पाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद जब मुखमंत्री हेमंत को लगा कि वो पिछले ढाई साल में जनता के लिए कुछ भी नहीं किए तो उन्होंने 1932 के खतियान को लागू करने की बात कह कर जनता को सिर्फ झुनझुना थमाया है. 1932 का खतियान सिर्फ छलावा है.
वहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री के ऊपर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले पर उठ रहे सवाल पर कहा कि राज्यपाल ने जो पिछले दिनों यह बयान दिया कि चुनाव आयोग से आए पत्र को कब खोलना है ये उनके ऊपर है. राज्यपाल का यह बयान निश्चित रूप से गलत है. राज्यपाल को संवैधानिक पद का ख्याल रखना चाहिए और उन्हें मुख्यमंत्री के ऊपर लगे हुए ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.सालखन मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी सरना धर्म कोड लागू करती है. तो उनकी तरफ से आदिवासी समुदाय का समर्थन भारतीय जनता पार्टी को होगा.