दुमका। दुमका में गत 23 अगस्त को हुए दिल दहलाने वाली पेट्रोल कांड में नाबालिग अंकिता की हत्या कर दिए जाने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा है कि किन परिस्थिति में अंकिता को दुमका से रांची लाया गया, साथ ही इस घटना में बर्न इंज्यूरी की स्थिति यानि घटना के बाद अंकिता कितने प्रतिशत जल गई थी. कोर्ट ने डीजीपी को शपथ पत्र के माध्यम से इन जबाबों को दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी पूछा है कि देवघर एम्स में बर्न वार्ड है या नहीं. इसके अलावा एम्स में आम मरीजों के लिए अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से जबाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई.
आपको बता दें कि 23 अगस्त को हुए इस घटना के बाद 30 अगस्त को झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए डीजीपी को तलब किया था. पूर्व में ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. खंडपीठ ने कहा था कि इस मामले की मॉनिटरिंग कोर्ट स्वंय करेगा. पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने मामले का अनुसंधान जल्द से जल्द करने और चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश डीजीपी को दिया था. साथ ही पीड़िता के परिवार को सुरक्षा को सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया था. आपको बता दें कि दुमका में गत 23 अगस्त की रात सनकी आशिक शाहरुख नामक युवक ने एकतरफा प्यार में घर में सो रही 12वीं की छात्रा अंकिता को जिंदा आग के हवाले कर दिया था. जिसकी बाद में इलाज के दौरान रिम्स में मौत हो गई थी.