रांची। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद रिम्स में भर्ती पंकज मिश्रा का इलाज लगातार चल रहा है. वो रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं, जहां पर रिम्स द्वारा डॉक्टर्स बोर्ड का गठन कर उनका इलाज किया जा रहा है. इससे पहले रिम्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग नहीं होने की वजह से उन्हें एम्स भेजने की बात की रही थी. लेकिन अब एम्स में इलाज के लिए उन्हें दिल्ली लेकर नहीं जाना होगा.
सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के स्वास्थ्य जांच के लिए रिम्स प्रबंधन की तरफ से डॉक्टर्स बोर्ड का भी गठन किया गया था. जिसमें सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलुवा, मेडिसिन विभाग से डॉ. विद्यापति, क्रिटिकल केयर से डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य, डॉक्टर विनय प्रताप को शामिल किया गया. उन्हें पेट में पेनक्रीटिक इंफेक्शन की शिकायत के साथ ही ब्लड प्रेशर और शुगर की भी बीमारी है. उनके पेनक्रिएटिक इंफेक्शन को लेकर एम्स के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से ओपिनियन ली गई थी. रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि रिम्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग नहीं है, इसीलिए पंकज मिश्रा के लिए एम्स के चिकित्सकों से सलाह ली गयी.
इसको लेकर एम्स के चिकित्सकों ने उनकी रिपोर्ट को जांचा और कुछ टेस्ट बताए हैं. उस टेस्ट को देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि उनकी हालत पहले से बेहतर और स्थिति सामान्य है. इसीलिए एम्स के चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें रिम्स में ही रखा जाए, रिम्स में उनका भी इलाज संभव हो सकता है, उन्हें दिल्ली लाने की जरूरत नहीं है. एम्स के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट ने कहा कि अगर विशेष परेशानी होती है तो एम्स के चिकित्सकों से संपर्क कर सलाह ले सकते हैं.
रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि जेल प्रबंधन की तरफ से भी एम्स को लेटर के माध्यम से पूछा गया था कि पंकज मिश्रा क्या एम्स में भर्ती कराने लायक हैं. जिसके बाद एम्स प्रबंधन की तरफ से जेल प्रबंधन को चिट्ठी के माध्यम से जवाब देते हुए आश्वस्त किया गया कि फिलहाल उनका इलाज रिम्स में भी किया जा सकता है, एम्स लाने की आवश्यकता नहीं है. इस बात की जानकारी जेल प्रबंधन ने रिम्स प्रबंधन के साथ भी साझा की है.