रांची। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट तथा टाउनशिप और एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्टों पर नजर देना शुरू कर दिया है. पर्षद ने कहा है कि ऐसे प्रोजेक्टों के लिए इन्वायरमेंट क्लियरेंस (पर्यावरणीय स्वीकृति) जरूरी है. बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए जिन प्रोजेक्ट में बिल्ट अप एरिया 20 हजार स्क्वायर मीटर तक या इससे बड़ा हो और 1,50,000 स्क्वायर मीटर तक का हो, उन्हें इसे लेना ही होगा. इसी तरह टाउनशिप और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में जिनका बिल्ट अप एरिया 50 हेक्टेयर तक या इससे अधिक हो या 1,50,000 Sq. Mtr तक हो, उन्हें भी इसकी जरूरत होगी. बिल्ट अप एरिया में सभी मंजिलों पर निर्मित या कवर क्षेत्र को एक साथ रखा गया है जिसमें इसके बेसमेंट और अन्य सेवा क्षेत्र शामिल हैं, जो भवन या निर्माण परियोजनाओं में प्रस्तावित है. पर्षद ने पर्यावरणीय स्वीकृति के बगैर किसी प्रोजेक्ट के संचालन पर एक्शन लेने की भी चेतावनी जारी की है.
इन नंबरों पर शिकायत
पर्षद के सदस्य सचिव की ओर से कहा गया है कि अगर ऐसी किसी परियोजना की जानकारी मिले, जिसमें इन्वायरमेंट क्लियरेंस नहीं लिया गया है या बिना स्थापना सहमति के ही कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है तो पर्षद के पास शिकायत की जा सकती है. उस पर लीगल एक्शन होगा. परियोजनाओं को पर्षद से स्थापना सहमति प्राप्त होने से संबंधित जानकारी पर्षद की वेबसाइट www.jhkocmms.nic.in पर उपलब्ध है. ई- मेल ranchijspcp@gmail.com या फोन नंबर 6200688658 पर भी नागरिक ऐसे मामले में शिकायत दर्ज करा सकते हैं.