रांची। रांची में 500 बेड क्षमता वाला सदर अस्पताल राज्य सरकार को हैंडओवर के लिए तैयार है. संवेदक कंपनी विजेता प्रोजेक्ट्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से झारखंड हाई कोर्ट को यह जानकारी दी गई है. कोर्ट को यह भी बताया गया है कि सिविल सर्जन,रांची की टीम ने गत 10 अक्टूबर को सदर अस्पताल का भ्रमण किया और इसे हैंड वर्क के लिए तैयार पाया है. विजेता प्रोजेक्ट्स की ओर से बताया गया कि सदर अस्पताल में ऑडिटोरियम का काम 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा. इसके अलावा इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम की टेस्टिंग हो गई है, प्रोग्रामिंग का काम चल रहा है, जो 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा. इंटीग्रेटेड बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम के इंस्टॉलेशन और टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है, अभी उसे सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है, इससे अस्पताल के अलग-अलग इक्विपमेंट और सिस्टम को एक ही सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ा जाता है. सदर अस्पताल में लगे इक्विपमेंट एवं अन्य संसाधनों के लिए ट्रेंड एवं स्किल्ड मैन पावर की जरूरत पड़ेगी, जिस पर कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया और बताने के लिए कहा है कि सदर अस्पताल के लिए स्किल्ड और ट्रेंड मैन पावर कब तक उपलब्ध कराया जाएगा. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर निर्धारित की है.
500 शैया वाले सदर अस्पताल के संचालन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान विजेता प्रोजेक्ट्स की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि रांची के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सहित दो चिकित्सा पदाधिकारियों के अलावा भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं की टीम ने 10 अक्टूबर को सदर 500 बेड वाले सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. टीम ने निरीक्षण अस्पताल के अनुमोदित नक्शा तथा प्राक्कलन के अनुसार सभी तल का किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने सभी कार्य अनुमोदित नक्शा एवं प्राक्कलन के अनुसार पाया.
पारा मेडिकलकर्मियों व चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्ति संबंधी मांगी जानकारी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने सदर अस्पताल में पारा मेडिकल स्टॉफ सहित चतुर्थवर्गीय पदों पर कर्मियों व उपकरणों को चलानेवालों की नियुक्ति के बारे में पूरी जानकारी सरकार को देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि सदर अस्पताल का संचालन पूर्ण क्षमता के अनुसार हो जाना चाहिए. अब कोर्ट कहेगा नहीं, बल्कि सख्त आदेश पारित करेगा. इससे पूर्व संवेदक कंपनी की ओर से बताया गया कि कुछ हिस्से का बचा हुआ निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. सभी कार्य 31 अक्तूबर तक पूरा कर लिया जायेगा. प्रार्थी ज्योति शर्मा ने इस मामले में अवमानना याचिका दायर की है.