रांची। राज्य में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं, सोलर पार्क योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है. पहले चरण में राज्य के चार जिलों में सोलर पार्क बनाया जाना तय है. इसकी प्रक्रिया भी जारी है. ज्रेडा इसके लिये सेकी के साथ मिलकर काम कर रही है. इन चार जिलों में रांची, पलामू, देवघर और गढ़वा में सोलर पार्क के लिये जमीन चिह्नित कर ली गयी है. जहां ये पार्क निर्माण की प्रक्रिया पर काम जारी है. इन जिलों में सौ एकड़ जमीन लगभग चिन्हित की गयी है. ज्रेडा की मानें तो राज्य भर में 320 मेगावाट का सोलर पावर पार्क बनाने की योजना है. फिलहाल चार जिलों में जमीन चिन्हित है.अन्य पर काम जारी है. नयी सोलर पॉलिसी के तहत राज्य में काम जारी है. फिलहाल चिह्नित जमीन पर चयनित एजेंसी काम कर रही है.
जो जमीन कृषि लायक नहीं,उसका उपयोग
राज्य सरकार की योजना की मानें तो सोलर पार्क ऐसी जमीन पर बनाया जाना है जो कृषि योग्य न हो. नयी सोलर पॉलिसी के तहत इस पर काम किया जा रहा है. पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य सौर उर्जा को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही जमीन समेत अन्य संसाधनों को जुटाने के लिये पॉलिसी बनायी गयी है. एक मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पांच एकड़ भूमि की जरूरत है.फिलहाल पॉलिसी के तहत राज्य सरकार सौर उर्जा उत्पादन के लिए सरकार किसानों को भी प्रेरित करने की योजना बना रही है. जिसके लिये केंद्र सरकार सब्सिडी भी मुहैया कराती है.
हर जिलें में मांग के अनुसार बनेगा पार्क
सरकार ने हर जिले में बिजली मांग के अनुसार सौर उर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. बोकारो में कुल मांग 141 मेगावाट है. यहां 60 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन किया जा सकता है. चतरा में 10 मेगावाट, देवघर में 45 मेगावाट, धनबाद में 100 मेगावाट, दुमका में 25 मेगावाट, पूर्वी सिंहभूम में 70 मेगावाट, गढ़वा में 30 मेगावाट, सरायकेला में 40 मेगावाट, सिमडेगा में 10 मेगावाट का उत्पादन हो सकता है. ज्रेडा की मानें तो राज्य सरकार ने आंकलन के अनुसार उत्पादन दर तय किया है. जानकारी हो कि राज्य सरकार की ओर से साल 2026 तक लगभग चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।