रांची। झारखंड आंदोलनकारियों के अधिकार एवं सम्मान के सवाल को लेकर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा केन्द्रीय कमिटी की बैठक शनिवार को केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो की अध्यक्षता में पुराने विधानसभा स्थित विधायक क्लब हॉल में हुई. बैठक में पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 08, 09 एवं 10 नवंबर को मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान एवं अधिकार के सवालों को लेकर सत्याग्रह किया जाएगा. यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनकी सरकार की ओर से सहानुभूति दर्शाया नहीं गया, तो 15 नवंबर को झारखंड आंदोलनकारी अपनी गिरफ्तारी देंगे.
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान आंदोलनकारियों के जरिए ही किया जाना चाहिए. पूर्व विधायक ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और कुर्बानी के बल पर राज्य बना, परंतु राज्य गठन के उद्देश्य और अलग राज्य के मूल निवासियों के अनुसार नीतियां बना कर कार्य करनी चाहिए.परन्तु विकास के नाम पर झारखंड के आदिवासी मूलवासियों को उजाड़ा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार के खिलाफ भी रणनीति बनाने की जरूरत है और इसके लिए झारखंड के तमाम सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय बनाकर सत्ता का विकल्प तैयार करने की दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है.
बैठक में मुख्य रूप वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर, सचिव कयूम खान, सचिव भुवनेश्वर केवट, वित्त सचिव प्रेम मित्तल, केन्द्रीय सचिव किशोर किस्कू, भुनेश्वर केवट, भरत गोप, केन्द्रीय संयोजक गोपाल रवानी, प्रफुल्ल तत्वा, डीएन राम, सीताराम महतो, धनबाद जिला अध्यक्ष शिवशंकर शर्मा, पश्चिम सिंहभूम अध्यक्ष आसमान सूंडी, सदस्य विनिता खलखो, जहांआरा बेगम, सीता उरांव, रूपलाल महतो, योगेश भगत, इसरार अहमद, विद्याधर महतो, बालकृष्णा रजवार आदि आदि ने प्रस्तावों पर अपने विचार रखे. मंच का संचालन कयूम खान ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन बालकिशुन रजवार ने की. बैठक में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा केन्द्रीय कमिटी के पदाधिकारियों एवं धनबाद, लोहरदगा, रामगढ़, गिरिडीह, प. सिंहभूम, रांची, गुमला, बेड़ो सहित सभी जिलों के प्रतिनिधि शामिल थे.