मुर्गी पालने की सलाह पर बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन पर कसा तंज, जानें क्या कहा

रांची। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का युवाओं से मुर्गी पालन और अंडे बेचने की अपील करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम की अपील-युवा मुर्गी पालें और अंडे बेचें को भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर सीएम पर तंज कसा है.

झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को ट्वीट किया कि झारखंड के युवा मुर्गी पालें, अंडा बेचें और श्री श्री 108 जमीन-जायदाद, खान, खदान के मालिक सोरेन परिवार के एक्सीडेंटल उत्तराधिकारी हेमंत सोरेन जी झारखंड को बेचें और चोरी पकड़ी जाए तो खुद को बचाने के लिए केसबाजी में गरीबों की गाढ़ी कमाई फूंक दें.

समझे सीएम हेमंत सोरेन की पूरी बात

आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में युवाओं से स्वरोजगार की तरफ ध्यान देने की अपील करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को कहा था कि पशुपालन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्यों न हम गाय पालें और दूध निकालें, क्यों न मुर्गी पालन कर अंडा और मांस बिक्री करें. पशुधन विकास योजना से जुड़कर यह कार्य किया जा सकता है. स्वरोजगार के दरवाजे खुले हैं, रोजगार सृजन योजना के जरिये युवा विभिन्न तरह के व्यवसाय कर सकते हैं. हर पंचायत में योजना का शुभारंभ होगा. समय पर पेंशन और समय पर मनरेगा के श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान होगा।

स्वरोजगार के लिए पीएम मोदी के पकौड़े बेचने की सलाह पर भी हो चुका है विवाद

भारत में स्वरोजगार को अधिक महत्व नहीं दिया जाता. आम भारतीयों के लिए रोजगार का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी होती है. इसकी वजह सामाजिक सुरक्षा भी होती है. इसलिए जब भी देश में जब भी नेता स्वरोजगार की अपील करते हैं तो विवाद शुरू हो जाता है और विपक्षी राजनीतिक दल वोट की खातिर इस मुद्दे पर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं और गुमराह करते हैं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की इसी तरह की सलाह विवादित हो चुकी है. इस पर देश भर में हंगामा हुआ था. पीएम नरेंद्र मोदी ने युवाओं से स्वरोजगार की तरफ ध्यान देने की अपील की थी और यहां तक की उदाहरण देते हुए पकौड़े बेचने की सलाह दे दी थी. इस पर विपक्षी नेताओं ने खूब हंगामा किया था. कई चुनावों में यह मुद्दा उठाया गया था और लोगों को भड़काया गया था.

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