12 किशोरियां मानव तस्करी होने से मुक्त सकुशल लौटी

चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले की 12 किशोरियों को दिल्ली में मानव तस्करी होने से बचा लिया गया. सभी 12 किशोरियों को जिला प्रशासन के सहयोग से चाईबासा लाया गया. उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी एवं सहयोगी पुलिस बल के साथ 15 अक्टूबर को रांची स्वर्णजयंती एक्सप्रेस से लाया गया. गौरतलब है कि दलालों के चुंगल में आकर ज्यादातर बच्चें पैसों की लालच में बाहर काम हेतु गए थे. इसमें ज्यादातर बालिका गोईलकेरा, गुदड़ी तथा बंदगांव प्रखंड की है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं उनके टीम ने बताया कि बालिका तथा उनके परिवार के लोग बहुत कम पढ़ाई की है, जिसके कारण उन्हें बहला-फुसलाकर उनके परिवारों को पैसों के प्रलोभन देकर दिल्ली ले गए थे. दिल्ली स्थित पुनर्वास सह-संसाधन केंद्र झारखंड भवन के पदाधिकारी द्वारा सूचित किया कि दिल्ली पुलिस तथा रेस्क्यू फाउंडेशन द्वारा सभी किशोरियों को मुक्त कराकर नई दिल्ली स्थित विभिन्न बालगृहों में रखा गया है. तत्पश्चात जिला प्रशासन समाज कल्याण विभाग द्वारा एस्कॉर्ट टीम बनाकर नई-दिल्ली से रांची रेल के रास्ते सकुशल लाया गया. उक्त सभी किशोरियों को बाल कल्याण समिति, चाईबासा के निर्देश में गृह जिला स्थित बाल देखरेख संस्थान में आश्रय प्रदान कर दिया गया है. बाल कल्याण समिति के निर्णय उपरांत सभी बच्चों को उनके परिवार के परिजनों को सौंप दी जाएगी तथा मुक्त कराई गई किशोरियों को पुनर्वास हेतु उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सरकारी स्कूल अथवा स्पोंशोरशिप कार्यक्रम से जोड़कर वित्तिय सहायता प्रदान की जाएगी.

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