रांची। केंद्रीय मंत्री (पंचायती राज राज्य मंत्री) कपिल मोरेश्वर पाटिल को झारखंड के पंचायत प्रतिनिधियों से बड़ी आस है. उम्मीद जतायी है कि झारखंड में आनेवाले समय में पंचायत प्रतिनिधि राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में अहम रोल निभायेंगे. मंगलवार को हरमू मैदान, रांची में आयोजित पंचायत जन प्रतिनिधियों के अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में राज्य में भाजपा की सरकार होगी. गांव की सरकार झारखंड में भाजपा की सरकार जरूर लायेगी. राज्य में पंचायती राज व्यवस्था में 50 फीसदी से अधिक सीटों पर भाजपा के कार्यकर्ता, नेता जीत हासिल कर आये हैं. केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी और संकल्पित तरीके से गांवों में लागू कर और गांवों को संवारने में अहम रोल अदा कर वे उदाहरण बन सकते हैं. इसका लाभ झारखंड में आनेवाले समय में न सिर्फ गांवों को मिलेगा, भाजपा को भी इसका फायदा होगा. कार्यक्रम में विभिन्न जिलों, पंचायतों के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया गया. इस दौरन भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्रजी, संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश, रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा, राष्ट्रीय अध्यक्ष (एसटी मोर्चा) और सांसद समीर उरांव, सांसद वीडी राम, विद्युत वरण महतो, सुनील सोरेन, विधायक नीलकंठ मुंडा, अमर कुमार बाउरी, नवीन जायसवाल, सीपी सिंह, राज सिन्हा, भानु प्रताप शाही, अमित चौरसिया, अमित मंडल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय, विभिन्न मोर्चा और मंच के पदाधिकारी, पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रतिनिधि समेत अन्य भी उपस्थित थे.
योजनाओं से बदलें गांव की सूरत
कपिल पाटिल ने कहा कि नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को चाहिए कि वे अपने अपने गांवों की सूरत बदलने को केंद्र की योजनाओं का लाभ लें. नोट नहीं, वोट हासिल करने के नजरिये से काम हो. अपने काम से विकास की महक फैलायें. संभवतः देश भर में पहली बार प्रदेश भाजपा की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों को इस तरह से सम्मानित किया जा रहा है. यह स्वागतयोग्य कार्यक्रम है. 2014 से पहले पंचायतों को 50 हजार करोड़ ही भेजे जाते थे. 2014 में वित्त आयोग के आने के बाद से चौदहवें वित्त से तीन गुना तक राशि बढ़ा कर 2 लाख 292 करोड़ की मदद गांवों को भेजी गयी. 15वें वित्त में 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट हो गया. यह फंड सीधे पंचायतों को भेजा जाता है. ऐसे में हेर फेर की गुंजाइश अब नहीं रहती. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग देने के लिए पैसे भेजे जाते हैं. इससे 6 माह के अंदर प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग देना अनिवार्य है. पर राज्य सरकार अगर आपको इसका लाभ नहीं देती तो उसके पीछे पड़कर इसका हिसाब लें. जरूरत पड़े तो पंचायती राज मंत्रालय को बतायें. मंत्रालय इस पर वाजिब एक्शन लेगा. ऐसा नहीं किये जाने के पीछे स्थानीय सरकारों को चिंता यही होती है कि इससे भ्रष्टाचार करने में दिक्कत होगी. इसके अलावे पीएफएमएस से पंचायतों को पेमेंट दिया जाता है ताकि करप्शन रुके. 2020-21 औऱ 2021-22 में झारखंड की पंचायतों को 2 लाख 21 हजार करोड़ भेजे गये हैं. यह पैसे भाजपा की पंचायतों, कार्यकर्ताओं को को नहीं, राज्य की सभी 4000 से अधिक पंचायतों को दिये गये हैं. राज्य सरकार यह नहीं कह सकती कि उसके साथ भेदभाव हुआ है. आयुष्मान भारत योजना, पीएम आवास योजना, स्वामित्व योजना सहित तमाम योजनाएं ऐसी हैं जिन पर प्रभावी तरीके से जाति, धर्म से परे होकर काम करें तो पंचायत के साथ साथ भाजपा के लिए भी सम्मान बढ़ेगा.
देश में सबसे भ्रष्ट है हेमंत सरकार
प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि वित्त आयोग 2006-14 की तुलना में 2014-2022 में पंचायतों को पांच गुना मदद अधिक केंद्र से मिली है. कांग्रेस की तुलना में मोदी सरकार पंचायतों को अधिक दे रही है. केंद्र की सरकार गरीब, किसानों की सरकार है. केंद्र से पैसे आते हैं, योजना आती है पर राज्य सरकार पैसे खर्च नहीं करती. योजना लटकाती है. राज्य सरकार पिछली सरकार की योजनाओं को किनारे कर दी है. केंद्र सरकार के स्तर से भेजे गये पैसों का बंदरबांट यह सरकार कर रही है. अभी देश में सबसे भ्रष्टाचारी सरकार इसी राज्य में है. हेमंत सरकार इसके लिये दोषी है. राज्य में महिलाओं के खिलाफ 5753 अनाचार की घटना घटी है. इस मामले में पूरे देश में यह सबसे खराब स्थिति है. प्रतिदिन देश में हत्या का औसत 5.6 प्रतिशत है जबकि इस राज्य में 7 प्रतिशत. इस राज्य में अब जंगल राज के खिलाफ, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है. सरकार को उखाड़ कर फेंकने तक भाजपा चैन की नींद नहीं सोयेगी.
ग्राम स्वशासन को करें सशक्तः रघुवर दास
रघुवर दास ने कहा कि राज्य औऱ देश को आगे बढ़ाना है तो गांव का विकास करना होगा. जिप, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों के लीडर हैं. गांव और राज्य के विकास तथा सबका साथ, सबका विकास करने के मंत्र पर काम करना है. ग्राम स्वशासन और ग्राम अर्थव्यवस्था को मजबूत करें. राज्य में पिछली सरकार (2014-2019) में डबल इंजन सरकार में 4000 से अधिक पंचायतों में पंचायत भवन बना. गांव और शहर की खाई को मिटाने को 2014 से 2019 तक सौर उर्जा के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था करायी गयी. हर गांव में स्ट्रीट लाइट शहरों की तरह दिखने लगी थी. अभी गांव में पानी की टंकी खराब है, स्ट्रीट लाईट खराब है पर कोई देखने वाला नहीं. जब भाजपा की सरकार थी तो योजना बनाओ अभियान की शुरुआत हुई थी. मंत्री और अफसर गांव में जाकर गांव के लोगों के साथ बैठकर योजना बनाने का काम करते थे. पर अभी ऐसा नहीं है. हर घर पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन पर काम केंद्र की मदद से हो रहा है पर राज्य में यह फेल है.
केंद्र और राज्य सरकार की योजना और राशि पर प्रतिनिधि नजर रखें. मिड डे मील, आंगनबाड़ी सेवा, पेंशन समेत अन्य सेवाओं पर खास ध्यान रहे. उनके कार्यकाल में हर मुखिया के लिए पंचायत सचिवालय का निर्माण कराया गया था. हर गांव में पंचायत स्वयंसेवक रखे गए थे पर उनसे काम नहीं लिया जा रहा अभी. हर महीने ग्राम सभा की बैठक हो, उपस्थिति सबों की हो. सीएम कृषि आशीर्वाद योजना के तहत प्रति एकड़ 5000 रुपया किसानों को दिया जा रहा था पर अब राज्य में लूटेरों की सरकार है. इतने संसाधनों के बावजूद इस राज्य का गरीब रहना स्वीकार नहीं. राज्य में नदी, पहाड़, जमीन को लूटने में यह सरकार लगी है.
सरकार के भरोसे गांव का विकास नहीं
बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते कहा कि पंचायत प्रतिनिधि केंद्र, राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक रहें. कैसे वाजिब लोगों को इसका लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करें. वार्ड सदस्यों को छोड़ दिया जाये तो जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत में 53 प्रतिशत प्रतिनिधि भाजपा के हैं. यह बड़ी बात है. ऐसे में अपने अपने काम से अपने क्षेत्रों, गांवों में उदाहरण प्रस्तुत करें. जरूरतमंदों को राशन मिले, इसके लिए सतर्क रहें. इस लुटेरी सरकार में महीनों से लोगों को राशन नहीं मिल रहा. रघुवर सरकार में डाकिया योजना के तहत आदमि जनजाति के लोगों को घर घर में राशन मिल रहा था. पिछले नवंबर महीने से यह नसीब नहीं हो रहा. पूरे राज्य में किसी किसी महीने राशन गायब हो जा रहा है. इस साल दिसंबर तक 5 किलो अनाज केंद्र की मदद से मुफ्त मिलना है पर राज्य सरकार हेराफेरी कर रही है. गरीबों के हिस्से का अनाज गरीबों के घर तक पहुंचे, सरकार के भरोसे ना छोड़ें. पेंशन योजना जरूरतमंद को मिले, आधारसे लिंक हो, यह सब देखें.
प्रदेश में यूपीए गठबंधन ने पैसे और परिवार के लिए सरकार बनायी है. पैसे और परिवार के लिए ही काम हो रहा है जबिक काम करने के लिए जनादेश मिला था. पर इसकी बजाये काम नहीं करने का आरोप भाजपा पर लगाती रहती है. सरकार के स्तर से कमाने का आरोप दिख रहा है. सचिव के पास पैसे मिले हैं. शागिर्द जेल में हैं. उसके कारनामे छिपे नहीं हैं. ऐसे लोगों से उनके कैसे संबंध हैं, यह सीएम बताते नहीं हैं. तकरीबन तीन वर्षों में गांव में बनी सड़कें टूट गयी हैं. कहीं सड़कों का काम नहीं हुआ है. आदिवासी की झूठी चिंता करती है राज्य सरकार. तीन सालों में सदन मे बालू की नीलामी के लिए सवाल उठाते हैं. तीन साल में एक बार भी बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई. यहां से बालू, पत्थर, कोयला बाहर चला जाता है. संतालपरगना, धनबाद, रामगढ़ से लेकर चारों तरफ लूटेरे बैठे हैं. खाली पड़ी जमीनों को भी हेमंत सरकार के गुंडे लूटने को पहुंच रहे हैं. पुलिस, प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा. इस सरकार को विदा करना है.