रांची। अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पंकज मिश्रा के दो सहयोगी को हिरासत में लिया है. दोनों व्यक्तियों पर सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रहते हुए अधिकारी सहित कई अन्य लोगों से फ़ोन बात करवाने का आरोप है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न्यायिक हिरासत में पंकज मिश्रा से बात करने वालों में दो दर्जन पुलिस अधिकारी समेत साहिबगंज के एसपी भी शामिल हैं. ईडी जल्द ही इन सभी को समन भेजकर पूछताछ करने की तैयारी में है. न्यायिक हिरासत में बंद पंकज मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने मोबाइल फोन से करीब एक दर्जन से अधिक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से बात की है. ईडी ने जांच के क्रम में पंकज मिश्रा के कई फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट किया था. जांच में ईडी को पता चला था कि कैसे पंकज मिश्रा ने स्थानीय प्रशासन पर अपने और अपने सहयोगियों के खिलाफ किसी भी जांच को रोकने के लिए दबाव बनाया था. ईडी ने विशेष अदालत में पंकज मिश्रा की कई अधिकारियों के साथ हुई बातचीत की डिजिटल कॉपी भी पेश की थी. अब इस मामले में ईडी की टीम नये सिरे से जांच में जुटी है. हालांकि दोनो के हिरासत में लिये जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रही है ईडी
ईडी अब तक अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा के चार बैंक खातों को फ्रीज कर चुकी है. ईडी कोर्ट में दायर चार्जशीट में बताया गया है कि सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के 83.98 लाख रुपये नकद वाले 4 बैंक खाते फ्रीज हैं. ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि विभिन्न स्रोतों से नकद जमा के माध्यम से पंकज मिश्रा को 1.60 करोड़ रुपये मिले और नकदी के अलावा अन्य बैंकिंग चैनलों के जरिए उन्हें 8.51 करोड़ रुपये मिले. इस प्रकार 10 वर्षों में उन्हें इस तरह के जमा के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए. जबकि दो वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में पंकज मिश्रा के बैंक खातों में बहुत अधिक रुपये जमा किये गये, जो उनके ज्ञात आय के स्रोत से काफी अधिक है.