धनबाद। केंद्र सरकार की ओर से भूमिगत खदानों को खोलने की योजना बनायी जा रही है. केंद्रीय कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया की ओर से इसकी योजना बनायी गयी है. मंत्रालय ने 20 भूमिगत खदान चिह्नित किया है. इसमें से धनबाद के भी कुछ खदान है. जो बीसीसीएल के क्षेत्र में है. धनबाद में बीसीसीएल की चार खदानें मधुबन, लोहापट्टी, अमलाबाद एवं खरखरी भी शामिल है. यहां निजी क्षेत्र के साथ मिलकर खनन कार्य करने की दिशा में पहल की जा रही है. खदानें चालू होने पर केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. जानकारी हो कि पिछले दिनों इसके लिये समीक्षा बैठक की गयी थी. जिसमें ऐसे खदानों की सूची भेजी गयी है. खदानों की वस्तु स्थिति और रिपोर्ट के आधार पर ही निर्णय लिया जायेगा.
पर्यावरण पर पड़ेगा असर
भूमिगत खदानों से पर्यावरण पर कम असर पड़ेगा. वहीं, भूमिगत खदानों के कोयले की कीमत भी बढ़ी हुई है. ऐसे में इन खदानों को शुरू करने के पर्यावरणीय और व्यापारिक लाभ दोनों को अहमियत दी जा रही है. अंडरग्राउंड माइनिंग की ओर दोबारा कदम बढ़ाने की एक बड़ी वजह जमीन और पर्यावरण से संबंधित समस्याएं भी हैं. इन दोनों स्थितियों को देखते हुए कोल इंडिया ने दोबारा भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन तेज करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस संबंध में कोयला मंत्रालय ने लंबे समय से बंद पड़ी भूमिगत खदानों को चालू करने की संभावना परखने का निर्देश दिया है. जानकारी हो कि धनबाद बीसीसीएल की ओर से इस महीने के अंत तक इन खदानों की रिपोर्ट कोल इंडिया को भेजी जानी है.