जमशेदपुर। देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चल रहा है. लेकिन बेटी की सुरक्षा अभी भी सवालों के घेरे में है. आए दिन जमशेदपुर समेत पूरे झारखंड में बेटियों के साथ तमाम वारदात हो रहीं हैं. अब बुधवार को जमशेदपुर में बीच सड़क पर एक नवजात बच्ची बैग में मिली. देर शाम तक उसके परिजनों का पता नहीं चल पाया. बच्ची को एक समाजिक संस्था ने अपने पास रखा है. संस्था की मैनेजर ने बताया कि बच्ची का टीकाकरण कराया जाएगा, बच्ची स्वस्थ है.
जमशेदपुर के साकची बाराद्वारी स्थित ओल्ड एज होम के बाहर खड़ी कार के मिरर में टंगे बैग में नवजात बच्ची जीवित अवस्था में मिली है. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे तो उन्हें मामले का पता चला. इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. बच्ची को स्थानीय एपेक्स अस्पताल में ले जाया गया और उसकी जांच कराई गई. इधर, इस घटना की जानकारी मिलते ही चाइल्डलाइन की महिला अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हाल जाना एवं बच्ची की देख रेख के लिए सहयोग विलेज नाम की संस्था को सौंप दिया.
गौरतलब है कि आज के जमाने में भी बेटियों की सुरक्षा और उनके साथ भेदभाव सबसे बड़ी चिंता है. इसको खत्म करने के लिए तमाम जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. बेटियां आज भी सामाजिक कुरीति का शिकार हो रहीं हैं. बैग में मिली नवजात बच्ची ने ने अपने पिता को जाना और न ही उसे मां की ममता मिल सकी. ऐसे में सामाजिक संस्था ने बच्ची को संभालने की जिम्मेदारी ली है.
देर शाम तक बच्ची के परिजनों का पता लगाया गया लेकिन जन्म देने वाली मां का पता नहीं चल पाया. पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. इधर संस्था की मैनेजर गुरविंदर कौर ने बताया कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है. संस्था बच्ची का लालन पालन करेगी और बच्ची का टीकाकरण भी कराएगी. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.