रांची। राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था पटरी पर लाने में प्रबंधन जुटा है. हाईकोर्ट की फटकार के बाद मैनपावर की कमी को दूर करने को लेकर लगातार विज्ञापन निकालकर बहाली की जा रही है. इसी कड़ी में हॉस्पिटल में 300 ग्रेड ए नर्सों की बहाली का भी रास्ता साफ हो गया है. जेएसएससी की परीक्षा में 320 कैंडिडेट्स पास हो गए है. डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के बाद इनकी तैनाती रिम्स में की जाएगी. जिसके बाद इलाज के लिए आने वाले मरीजों को टाइम से दवाएं और इंजेक्शन मिल सकेगी. वहीं उनकी प्रापर मॉनिटरिंग भी की जाएगी. बताते चलें कि लंबे समय से रिम्स मैनपावर की कमी से जूझ रहा है.
डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए कॉल
जेएसएससी की परीक्षा में पास करने वाले कैंडिडेट्स का डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन किया जाएगा. सभी कागजात सही पाए जाने के बाद उन्हें नियुक्त पत्र दिया जाएगा. इसके लिए 1-5 नवंबर तक रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर कैंडिडेट्स अपने डॉक्यूमेंट्स की जांच करा सकेंगे. वहीं की भी कागजात गलत पाए जाने की स्थिति में उनकी नियुक्ति को समाप्त कर दिया जाएगा. वहीं कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
हॉस्पिटल में 2700 नर्स की जरूरत
हॉस्पिटल के इनडोर में हमेशा 1500 से अधिक मरीज एडमिट रहते है. वहीं कई बार तो यह आंकड़ा 2000 को भी पार कर जाता है. ऐसे में हॉस्पिटल में कार्यरत 400 नर्सों के लिए मरीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है. यह देखते हुए रिम्स नर्सेज एसोसिएशन ने मैनपावर की डिमांड की थी. साथ ही बताया था कि तीन शिफ्टों में हॉस्पिटल में 2700 नर्सों की जरूरत है. तभी एक-एक मरीज को नर्स को टाइम पर दवाएं और इंजेक्शन दे सकती है.