रांची। धनतेरस में खरीदारी करने की पुरानी परंपरा है. इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा के लिए लोग सोने चांदी के गहनों के साथ-साथ कई प्रकार की कीमती रत्न के अलावा धातुओं की खरीदारी करते हैं. कोरोना काल के बाद झारखंड में धनतेरस के मौके पर इस बार कारोबार जमकर हुआ है. राजधानी रांची के धनतेरस बाजार में देर रात तक लोग खरीदारी करते दिखे. ऐसा अनुमान है कि झारखंड में धनतेरस में 1500 करोड़ का कारोबार हुआ है.
कोरोना की वजह से दो साल के बाद धनतेरस के मौके पर खरीदारी करने निकले लोगों ने झाड़ू से लेकर लाखों के जेवर खरीदे. इतना ही नहीं महंगी गाड़ियों की बिक्री भी जमकर हुई है. रांची जिला सोना चांदी बिक्रेता संघ के उपाध्यक्ष संतोष सोनी के अनुसार लंबे समय के बाद इस बार बाजार में रौनक देखने को मिली. एक अनुमान के मुताबिक अकेले रांची में धनतेरस के मौके पर करीब 400 करोड़ का कारोबार हुआ होगा. हालांकि इसका अंतिम आकलन रविवार के बाद हो सकेगा क्योंकि धनतेरस पर लोग रविवार को भी लोग खरीदारी करेंगे. उन्होंने कहा कि इसी तरह पूरे राज्यभर में जमकर कारोबार हुआ है, जिसमें करीब 1500 करोड़ की खरीदारी हुई होगी.
महंगी कार से लेकर लाखों की ज्वेलरी बिकी
धनतेरस के मौके पर सड़कों की स्थिति देखने से लग रहा था कि पूरे रांची के लोग सड़क पर उतर आये हैं. सबसे ज्यादा भीड़ मेन रोड के चर्च कॉम्प्लेक्स से लेकर सुजाता चौक तक दिखा, यहां सड़क पर घंटों जाम लगा रहा. यही स्थिति डोरंडा बाजार और कचहरी रोड में बनी रही. ज्वेलरी दुकान में सोना चांदी के आभूषण से लेकर लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा, चांदी सिक्का भी धनतेरस पर अपना सिक्का जमाने में सफल रहा. अकेले सर्राफा बाजार में 500 करोड़ से ज्यादा के कारोबार होने की संभावना है.
ज्वेलरी के बाद ऑटोमोबाइल के बाजार में भी इस बार अच्छा कारोबार हुआ है. राजधानी में शनिवार देर शाम तक विभिन्न मॉडल के 188 कार और 1872 टू व्हीलर्स की बिक्री हुई. कुल मिलाकर राज्यभर में ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी 300 करोड़ से ज्यादा के कारोबार होने की संभावना है. वहीं बर्तन की बिक्री भी इस बार अच्छी रही. कांसा, पीतल के बने बर्तन लोग खरीदते नजर आए. बर्तन के अलावा धनतेरस पर लोगों ने मोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, प्रॉपर्टी भी खरीदते नजर आए. जमीन फ्लैट का रजिस्ट्रेशन भी लोग कराते नजर आए.