अजंता सर्कस पर कार्रवाई, जब्त हुए प्रदर्शनकारी पशु

रांची। पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स इंडिया (पेट) की ओर से अजंता सर्कस के खिलाफ प्रदर्शन के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना जानवरों का प्रयोग करने और उनके साथ क्रूरता करने जैसे उड़ने से रोकने के लिए पंख काटने वाली घटनाओं के संबंध में जगरनाथपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायत पर रांची पुलिस द्वारा सर्कस के खिलाफ छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान कई जानवरों को जब्त कर सर्कस के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इस छापेमारी में 3 व्यस्क स्पिटज कुत्ते, कुत्ते के तीन शिशुओं और एक घोड़े को जब्त किया गया.

जब्त पशु होंगे पुनर्वासित

इन सभी घायल जानवरों को पेट इंडिया द्वारा पशु चिकित्सकीय उपचार के बाद पुनर्वासित किया जाएगा. हालांकि पेट इंडिया की जांच कर्मी द्वारा जांच के दौरान जिन पक्षियों को प्रदर्शन करते देखा गया था, उन्हें कथित रूप से छुपा दिया गया और वह छापामारी के दौरान कहीं नहीं पाये गए. पेट इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एडवोकेसी हर्षिल माहेश्वरी ने कहा पेट इंडिया अजंता सर्कस से जानवरों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए रांची पुलिस और जिला मजिस्ट्रेट की सराहना करता है. इस सर्कस में उन्हें हर उस चीज से वंचित रखा जा रहा था जो उनके लिए प्राकृतिक और महत्वपूर्ण हैं. उन्हें जबरन करतब करने के लिए बाध्य किया जा रहा था. हम सभी परिवारों से क्रूर पशु सर्कसों का विरोध करने और अन्य गैर पशु मनोरंजन साधनों का समर्थन करने का अनुरोध करते हैं. अजंता सर्कस द्वारा निरंतर कानूनी उल्लंघन किया जा रहा है, और उनके द्वारा इससे पहले कोलकाता में भी अवैध ढंग से जानवरों का प्रयोग किया गया था.

हाल ही में 19 अक्टूबर को जीव जंतु कल्याण बोर्ड नामक केंद्रीय सरकारी निकाय में सर्कस के खिलाफ प्रदर्शनकारी पशु पंजीकरण नियम 2001 के खिलाफ निर्देश जारी किए थे. एडब्ल्यूबीआई के बहुत से निरीक्षण और पेट इंडिया की कई जांच में यह तथ्य सामने आया कि सर्कसों में मनोरंजन के लिए जानवरों का प्रयोग बहुत ही क्रूर प्रथा है, जिसके कारण जानवरों को तंग पिंजरों में जंजीरों से कैद रखा जाता है ल. और उन्हें हर प्रकार के पशु चिकित्सकीय सेवाओं से वंचित रखते हुए भूखा प्यासा रहने के लिए मजबूर किया जाता है. उनके प्राकृतिक उत्थान को पूर्ण रूप से बाधित किया जाता है, और उनसे जबरन मुश्किल और सहज और कष्ट दाई करतब कराए जाते हैं. ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में रहने के कारण कई जानवरों में खतरनाक मानसिक बीमारियों के लक्षण देखने को मिलते हैं. पेट इंडिया जो इस धारणा में विश्वास रखता है कि जानवर हमारा मनोरंजन करने के लिए नहीं प्रजातिवाद का विरोध करता है. क्योंकि यह एक ऐसी विचारधारा है जिससे मनुष्य संसार में स्वयं को सर्वोपरि मानकर अन्य समस्त जातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है.

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