मनरेगा: सरकार बगैर जीएसटी ऑडिट और रॉयल्टी जांच के नहीं करेगी वेंडरों का भुगतान

लोहरदगा। राज्य सरकार मनरेगा योजना में रजिस्टर्ड वेंडरों के जीएसटी अंकेक्षण (ऑडिट) की तैयारी में है. इसी आधार पर उनके द्वारा किए गये काम के एवज में भुगतान होगा. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2020-21 की अवधि का निर्धारण किया गया है. इस अवधि में मनरेगा योजना में जो भी वेंडर्स रजिस्टर्ड रहे, उनके जीएसटी अंकेक्षण के अलावा रॉयल्टी की भी जांच की जाएगी. ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड के निर्देश के बाद अलग-अलग जिलों में चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य (फर्म) के माध्यम से ऑडिट और रॉयल्टी की जांच के लिए डेट भी तय किया जाने लगा है. 2019-20, 2020-2021 में मनरेगा योजना में रजिस्टर्ड वेंडरों को इस काम में सहयोग के लिए कहा गया है.

ऑडिट और रॉयल्टी जांच के लिए इसकी जरूरत

लोहरदगा जिला प्रशासन ने रजिस्टर्ड वेंडरों से कहा है कि 5 नवंबर, 7 नवंबर और 9 नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से जिला परिषद कार्यालय, लोहरदगा में वे उपस्थित हों. 2019-20 और 2020-21 में मनरेगा योजना में रजिस्टर्ड वेंडर के जीएसटी का अंकेक्षण होगा. हिमांशु कुमार एंड एसोसिएट्स, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, बोकारो, झारखंड के द्वारा जाएसटी ऑडिट और रॉयल्टी की जांच की जानी है. निर्धारित डेट को रजिस्टर्ड वेंडर अपने बैंक स्टेटमेंट, जीएसटीआर1 और 3बी, पर्चेज वाउचर, सेल वाउचर कार्बन कॉपी, रायल्टी डिपोजिट स्लीप लेकर उपस्थित होंगे. जो ऑडिट और रॉयल्टी की जांच के लिए निर्धारित डेट को सहयोग नहीं करेंगे, उनका भुगतान स्थगित रखा जाएगा. ऐसे वेंडरों को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है. साथ ही लीगल एक्शन भी होगा.

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