लोहरदगा। लोहरदगा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व कार्यकारी जिलाध्यक्ष आलोक कुमार साहू ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर लोहरदगा सहित झारखंड के अन्य जिलों में बालू घाटों की नीलामी शीघ्र करने की मांग किये। श्री साहू ने कहा कि बालू घाटों की नीलामी नहीं होने के कारण सरकार को राजस्व की क्षति तो हो ही रही है साथ ही साथ क्षेत्र का विकास भी प्रभावित हो रहा है। सरकारी काम बालू का अभाव में नहीं हो पा रहे हैं जनता को अपने घर बनाने में परेशानी हो रही है तथा बालू से जुड़े रोजगार में सैकड़ों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। श्री साहू ने कहा कि झारखंड में 15 अक्टूबर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल( एनजीटी) ने लगाए गए अपने प्रतिबंध को हटा दिया है और सरकार के आदेश से राज्य में बालू घाटों की नीलामी करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सरकार के आदेश के बावजूद प्रशासनिक उदासीनता के कारण आज डेढ़ माह बीत जाने के बावजूद झारखंड में एक भी बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है जो दुर्भाग्य की बात है। जिससे सरकार की बदनामी हो रही है तथा विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। श्री साहू ने कहा कि लोहरदगा में उगरा, मेढो़, कैमो ,मनहो, लावागांई का लोहरदगा से डिस्टिक सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर )बनकर राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) रांची के पास भेजा जा चुका है तथा 15 अन्य बालू घाटों का सर्वे हो रहा है ।श्री साहू ने कहा कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के स्वीकृति के बाद ही बालू घाटों की नीलामी की जाएगी। श्री साहू ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिस जिला का डीएसआर SEIAA के पास चला गया है वहां से जल्द से जल्द स्वीकृति दिलाया जाए ताकि शीघ्र बालू घाटों की नीलामी हो सके ।