झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और कुर्बानी के बल पर राज्य: अश्विनी कुजूर

लोहरदगा। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा लोहरदगा जिला समिति की बैठक बुधवार को कार्यकारी जिला अध्यक्ष अमर किन्डो की अध्यक्षता में हुई। बैठक में केन्द्रीय समिति के वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर, महासचिव कयूम खान, जिला संयोजक प्रोफ़ेसर विनोद भगत मुख्य रूप से उपस्थित थे। मौके पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर ने कहा कि झारखंड सरकार अांदोलनकारियों के धैर्य की परीक्षा न लें, अन्यथा वर्तमान सरकार के खिलाफ भी रणनीति बनाकर आंदोलनकारी पुनः उलगुलान का बिगुल फूंक सकते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान आंदोलनकारियों के जरिए ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और कुर्बानी के बल पर राज्य बना, परंतु राज्य गठन के उद्देश्य और राज्य के मूल निवासियों के अनुसार नीतियां बना कर कार्य करनी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि झारखंड के तमाम सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय बनाकर एक बड़े उलगुलान किया जाएगा। यह विडंबना ही है कि राज्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले झारखंड आंदोलनकारी जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने, अपनी पहचान, मान-सम्मान पाने के लिए वर्षों से 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किया गया है। केन्द्रीय महासचिव कयूम खान ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी अपने मान-सम्मान एवं अधिकार के सवालों को लेकर बड़ा उलगुलान करने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार को चाहिए कि आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा से अविलंब वार्ता करे और आंदोलनकारियों के मांगों पर सहानुभूति दर्शाते हुए सकारात्मक पहल करें। उन्होंने कहा झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग संघर्ष और कुर्बानियों को सभी राजनीतिक दल स्वीकार करते हैं एवं आंदोलनकारियों को सम्मान भी देना चाहते हैं, लेकिन अभी तक सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर एक साथ सार्थक पहल नहीं किया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील किया कि शीघ्र ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर झारखंड आंदोलनकारियों के समस्याओं का समाधान के लिए अविलंब कार्रवाई करें। संबोधित करते हुए
प्रोफेसर विनोद भगत ने कहा कि झारखंड राज्य बने 20 वर्ष से अधिक हो गए, लेकिन आंदोलनकारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। चिन्हितीकरण आयोग का पुनर्गठन तो कर दी गई है, लेकिन सैकड़ों आंदोलनकारियों का चिन्हितीकरण कार्य अधर पर लटका है। संबोधित करने वालों में जिला सचिव विशेषण भगत, शाहिद अहमद, प्रवक्ता अनिल कुमार भगत, दीपक वर्मा, रूस्तम खान, जगदीश उरांव, कृष्णा ठाकुर, सीता उरांव, तरामनी मिंज, सालेन लकड़ा, बालोमनी बाखला आदि शामिल थे। बैठक का संचालन जिला प्रवक्ता अनिल कुमार भगत ने की। मौके पर तारा खलखो, दिनेश साहू, सोमनाथ उरांव, चैतु मुंडा, मो. मनीरूद्दीन, इसरार अहमद, अफरोज शाह, दशरथ गिरी, चैतु मुंडा, अमानत अली, छोटन विश्वकर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।

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