लोहरदगा। उपायुक्त डॉ वॉघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा कि आर्थिक विषमता विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं उनकी संख्या काफी कम है लेकिन अधिक समस्याओं वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। इस समस्या के निदान पर पूरी दुनिया विचार कर रही है। समाज में एक आर्थिक समानता होनी चाहिए। उपायुक्त, लोहरदगा बीएस कॉलेज, लोहरदगा में नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में उपायुक्त ने कहा कि आज स्वास्थ्य और शिक्षा बहुत महंगी हो गई है। अगर आप पिछले कुछ वर्षों का खर्च जोड़ने बैठेंगे तो यह काफी ज्यादा होगा। शिक्षा और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च सबके सामर्थ्य में होना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि युवाओं को ऐसा विषयों पर चर्चा करनी चाहिए, गहन विचार करना चाहिए। आर्थिक नीतियों पर अपने सुझाव देने चाहिए। जब आर्थिक नीतियां बनती हैं तो उसका असर सभी पर होता है। युवाओं को, आम आदमी को इस पर विचार करना चाहिए। भारत देश जी-20 में प्रतिनिधित्व कर रहा है। इसमें आर्थिक नीतियों पर चर्चा की जा रही है। उपायुक्त ने अर्थशास्त्र के सिद्धांत ट्रिकल डाउन थ्योरी के संदर्भ में कहा कि पूर्व में ऐसी अवधारणा थी की संपन्न लोगों के लिए नीतियां बनायी जाती हैं तो उसकी समृद्धि सभी लोगों में बराबर पहुंच जाती है। बाद में इस सिद्धांत को पूरी तरह से नकार दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि जी-20 में दुनिया भर के ऐसे देश में उत्पादक, निर्यातक व आयातक हैं, इसमें शामिल हुए हैं। दुनिया के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। आर्थिक मंदी के बाद जी-20 जैसे संगठन की बैठक पर लगातार कार्य किये जा रहे हैं, आर्थिक सुधारों पर कार्य हो रहे हैं। एक-दूसरे की मदद के लिए आर्थिक नीतियां बन रही हैं। युवाओं के आज ऐसे विषयों पर संवेदनशील होना चाहिए और इससे संबंधित जानकारी लगातार प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी रखे अपने विचार रखे। कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के जिला समन्वयक अब्दुल फारूक खान ने कहा कि विश्व के 85 प्रतिशत जीडीपी पर जी-20 के देश भागीदार हैं। पूरी दुनिया में 75 प्रतिशत व्यापार इन्हीं देशों द्वारा किया जाता है। 60 प्रतिशत आबादी इन्हीं देशों में बसती है। आज जी-20 में भारत देश प्रतिनिधित्व कर रहा है, यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। मनीष मिश्रा ने कहा कि भारत ने नेतृत्वकर्ता के नाते इस जी-20 सम्मेलन में बांग्लादेश, नाइजीरिया, संयुक्त अरब ऐमिरात जैसे देशों को इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। वसुधैव कुटुंबकम् के स्लोगन का पालन करते हुए भारत लगातार अपनी साख मजबूत कर रहा है। इसमें क्लाइमेंट चेंज, रूस-यूक्रेन युद्ध, खाद्य उत्पादों के बढ़ते दाम आदि विषयों पर भी चर्चा होगी। जी-20 के गठन के उद्देश्यों पर लगातार कार्य किया जा रहा है।आज के कार्यक्रम में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर शशि गुप्ता समेत बड़ी संख्या में नेहरू युवा केंद्र के वॉलेंटियर, एनएसएस के वॉलेंटियर उपस्थित थे।
आर्थिक विषमता दुनिया की सबसे बड़ी समस्या : डीसी
