लोहरदगा। सरहुल पूर्व संध्या आयोजन समिति ने बुधवार को समाहरणालय मैदान लोहरदगा में सरहुल पूर्व संध्या समारोह मनाने से पहले हरमू धरती माता का पूजा पाठ, आदिवासी सांस्कृतिक परम्परा, सखुवा पेड़ का पूजा पाठ आदिवासी सांस्कृतिक के रीति-रिवाज से सरना समुदाय के पहान पूजार द्वारा सम्पन्न हुआ। इसके बाद समारोह के मुख्य अतिथि विशुनपुर के स्थानीय विधायक सह मुख्य संरक्षक सरना प्रार्थना सभा महानगर एवं पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष आदिवासी छात्र संघ चमरा लिंडा, विशेष अतिथि मंजू केरकेट्टा द्वारा अखड़ा में सरना झण्डा, सखुवा पेड़ पर जल चढ़ाकर, अरवा चावल, सखुवा फूल के साथ पूर्वजों द्वारा बनाये गये आदिवासी रीति-रिवाज के साथ पूजा पाठ करके दीप प्रज्वलित किया गया और कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागतम गाना आदिवासी सांस्कृतिक से प्रारंभ हुआ। इस समारोह में जिला के विभिन्न ग्रामीणों क्षेत्रों से आए खोड़हा के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का कार्य किया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि चमरा लिंडा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को बचाना ही हमारा लक्ष्य है इसी उद्देश्य के साथ इनके द्वारा सरहुल पूर्व संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा, वर्तमान समय में गीत संगीत के बदलते स्वरूप ने आदिवासी संस्कृति को धीरे धीरे गौण करने का कार्य कर रही है, ऐसे में हमें आगे बढ़कर अपनी ऐतिहासिक संस्कृति को बचाने के लिए कदम उठाना होगा। इस कार्यक्रम में कुल 60 खोड़हा के लोगों ने अपना -अपना आदिवासी कला सांस्कृतिक का प्रस्तुत किया। मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष शामिल उरांव, सचिव सुखदेव उरांव, कोषाध्यक्ष राधा तिर्की, कार्यकारिणी विनोद उरांव एवं समिति के अन्य सदस्य राजमणि उरांव, मिठू उरांव, मनोज उरांव, बिहारी उरांव, रौना उरांव, जगेशवर उरांव, विनोद पुजार, रवि उरांव, राजकुमार उरांव, तारा उरांव, बालकिशुन भगत, रंथु उरांव, महादेव उरांव, अमित लोहरा, अर्जुन उरांव, प्रमोद उरांव, अजीत उरांव, विनोद उरांव, संतोष तिर्की, देवेन्द्र तिर्की, पुनम उरांव,पुनम भगत,सूरज उरांव,बिरशु उरांव, सरना प्रार्थना सभा लोहरदगा एवं आदिवासी छात्र संघ लोहरदगा सहित भारी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।
आदिवासी संस्कृति को बचाना ही हमारा लक्ष्य है: चमरा लिंडा
