रमजान माह बुराई से तौबा का फरमान तालीम करता है और अच्छाई से नाता जोड़ने का सौगात देता है : मौलाना जुबेर

लोहरदगा। सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मस्जिद में रमजान के पवित्र माह पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने रमजान माह की तीसरी जुम्मा की नमाज अदा किया। नमाज के दौरान जामा मस्जिद सेन्हा के खतीब मौलाना जुबेर ने अपने संबोधन में कहा कि रमजान पवित्र माह इबादत के लिए बना है। इस माह में आप भूखे प्यासे रहकर सुख समृद्धि एवं बुराइयों से तौबा करते है। बताते हुए कहा कि यह भूख आप सभी को कठिन से कठिन घड़ी में रमजान माह को याद दिलाता है और बुराई से रोकता है ताकि एक महीना आप भूखा रहने के बाद आपकी जिंदगी में कभी भी इस तरह की वक्त आए तो ऊंची आवाज बोलने की कूवत ना हो और आप अपने नफ्स को काबू में रखो। जुबां को काबू में रखो। और इबादत ए इलाही में दिन गुजारो यह रोजा आपसे पहले भी अन्य उम्मतो पर भी था। कोई तीन दिन रखता था। लेकिन हमारे यहां नबी ने एक माह रोजा रखने की हुक्म दिया। सफर में रोजा न रखें और बीमारी में जब आप ठीक हो जाए तो छूटे हुए रोजे को पुरा करें। रमजान माह के जुमा नमाज अदा करने के दौरान बताते हुए कुरान और नमाज पढ़ने की हिदायत दी, रोजा रखो जकात दो और मालिक साडे 52 तोला चांदी या उतना का रुपैया आपके पास साल में बचत है तो आप जकात दो। और जकात वैसे लोगों को दो जो गरीब हो विधवा हो यतीम बच्चा हो पड़ोस के रहने वाले गरीबों को पहले हकदार बनाओ और खुशी में शामिल करो। इसके अलावा 2 किलो 45 ग्राम प्रति व्यक्ति को फितरा निकालना है और इसे ईद की नमाज पढ़ने से पहले गरीब मिस्कीन की भी तक्सीम करना है ताकि वह भी खुशी में शामिल हो सके। मौलाना जुबेर ने कहा की ईदगाह बन रहा है जिसमें गांव की सभी लोग से सहयोग करने का अपील किया। और कहा कि ईद की नमाज खुले में और ईदगाह में ही पढ़ी जाए।

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