लोहरदगा। झारखण्ड बंद के बावजूद अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ नई दिल्ली के आह्वान पर झारखण्ड की राजधानी राँची सहित सभी 5 प्रमंडलों के 24 जिले में 12 सूत्री राष्ट्रीय तथा 8 सूत्री राज्य स्तरीय मांगों की पूर्ति हेतु 10 अप्रैल को एक दिवसीय प्रदर्शन एवं धरना-सत्याग्रह के माध्यम से प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को समर्पित किया गया तथा सभी जिला उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के माध्यम से मिलकर पेंशनरों की समस्याओं के निदान का अनुरोध किया गया। सूत्र के अनुसार उपायुक्त लोहरदगा सहित सभी उपायुक्तों के द्वारा प्रतिनिधिमण्डल को मांग-पत्रों को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को भेज देने का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया गया। पेंशनरों की राष्ट्रीय मांगों में कैशलेस चिकित्सा सुविधा, केन्द्रीय एवं राज्य पेंशनरों को मंहगाई राहत की घोषणा एक साथ एवं एक समान स्वीकृति 1-1- 2020 से 30-6- 2021 तक के 18 माह के रोके गये अरडी का एक मुश्त भुगतान, रेल टिकट में पूर्व की भाँति छूट, 65 वर्ष से 70 वर्ष के पेंशनरों को 15 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन, 71 से 75 वर्ष को 25 प्रतिशत पेंशन, 76 से 80 वर्ष को 35 प्रतिशत पेंशन, 81से 85 वर्ष को 45 प्रतिशत पेंशन, 86 से 90 वर्ष को 60 प्रतिशत पेंशन, 91 से 95 वर्ष को 75 प्रतिशत पेंशन, 96 से अधिक वर्ष के पेंशनरों को 100 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन, मात्र 12 वर्ष तक कम्युटेशन राशि की कटौती, सभी राज्यों में वर्ष 2004 से ही ओल्ड पेंशन की स्वीकृति, पेंशनरों को आयकर से मुक्ति, अन्य देशों की भाँति अन्तिम वेतन का 75 प्रतिशत पेंशन तथा 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन, एक देश एक पेंशन नीति, उत्तर प्रदेश की भाँति प्रत्येक वर्ष 17 दिसम्बर को देश के प्रत्येक जिले में पेंशनर दिवस का सरकारी स्तर पर आयोजन तथा राज्य स्तरीय मांगों में छत्तीसगढ की भाँति झारखण्ड की राजधानी राँची में सीपीपीसी कार्यालय का गठन सहित अन्य मांगे शामिल है. मौके पर महेश कुमार सिंह, मोहन मिंज, गिरीन्द्र कुमार, देवमनी कुमारी, सुभद्रा देवी, वरदानी वेक, तथा आशामनी लकड़ा ने मांग संबंधी संलेख समर्पित किया. जिसका नेतृत्व कार्यकारी महासचिव सह राष्ट्रीय सचिव महेश कुमार सिंह ने किया.
एक दिवसीय प्रदर्शन एवं धरना-सत्याग्रह के माध्यम से पीएम तथा सीएम को समर्पित किया गया मांग पत्र
