लोहरदगा। किस्को प्रखण्ड के तिसिया, डूमर टोली एवं नवटोली में आदिवासी समाज की ओर से प्राकृतिक पर्व सरहुल शांति पूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से पूर्व विद्यायक की पत्नी नीरू शांति भगत, उप प्रमुख गीता देवी, पंचायत समिति सदस्य बीरेन्द्र उराँव, उपमुखिया रामजीत लोहरा, 20 सूत्री सदस्य राजेन्द्र यादव, राजू गुप्ता, संजू सिंह मौजूद थे। जिसकी शुरुआत पहान बुधराम मुंडा एंव पूजार दशरथ मुंडा ने सरना मां की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगलकामना कर की गई। साथ ही कार्यक्रम के दौरान सरई फूल एवं एक दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाई गई। इसके बाद आदिवासी समाज की पुरुष-महिलाएं व युवतियां परंपरागत वेशभूषा में ढोल नगाड़ों के साथ प्राकृतिक और बसंत से जुड़े गीत संगीत के साथ नृत्य करते हुए सभी ने शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा डूमर टोली अखड़ा से शुरू होकर तिसिया नवाटोली होते हुए तिसिया फुटबॉल मैदान पहुंचे जहां नाच गान हुआ इसके बाद डूमर टोली वापस पहुंचकर सम्पन्न हुआ। मौके पर आदिवासी समिति के पदाधिकारीयों ने बताया कि यह परंपरा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है। इस परंपरा को उत्सव रूप में मनाकर नई पीढी के लोगों को सरहुल व पर्यावरण का महत्व बताना है। समुदाय के लोगों का प्रकृति से प्रेम व अटूट रिश्ता होने के कारण ही पर्यावरण व संस्कृति को अब तक सहेज कर रखा गया है। हम सभी को वातावरण की शुद्धता के लिए पेड़-पौधे लगाना औऱ हमारा जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह पर्व हमें प्रकृति व संस्कृति से जोड़े रखती है। यात्रा के दौरान विजय सिंह, सीताराम उराँव, जीतराम उराँव, राजेश उरांव, रितेश उराँव, उधवा उराँव, मंगल देव उराँव, लक्ष्मण उराँव, ललित उराँव, संजय पहान, प्रकाश उराँव, सुखराज उराँव सहित अन्य मौजूद थे।
पारंपारिक वेशभूषा एवं ढोल बाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा
