लोहरदगा। प्राकृति की पूजा से जुड़ा पर्व सरहुल सेन्हा प्रखण्ड के जोगना में हर्षोउल्लाष के साथ संपन्न हुआ। मौके पर शोभायात्रा भी निकाली गई. जोगना में आदिवासी समाज के द्वारा प्राकृतिक पर्व सरहुल सरना रीतिरिवाज के साथ मनाई गई। सरहुल उत्सव के मौके पर जोगना ग्राम में शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया। जिसमें महिला पुरुष सहित युवक युवतियां एवं बच्चे भी शामिल हुए. और काफी उमंग एवं उत्साह पूर्वक प्रकृति पर्व सरहुल मनाया गया। शोभायात्रा में विभिन्न टोलों से सरना समुदाय के लोग पूजा स्थल पहुंच शोभायात्रा में शामिल हुए। सरना समाज के रीतिरिवाज के अनुसार बता दें कि पूर्वजो के समय से प्राकृति का पूजा होते आ रहा है और आज भी उस परंपरा को सरना समाज के द्वारा निभाया जा रहा है। बताया जाता है कि जिस गांव में सरहुल पर्व मनाया जाता है उस गांव के सीमा क्षेत्र में खेत जोतना नदी से बालू का उठाव एवं प्राकृति से जुड़े कार्य नही किया जाता है। शोभायात्रा के दौरान सैकड़ों युवक एवं युवतियां गाते और मांदर की थाप पर नृत्य करते परंपरा को कायम रखा। अहम बातें यह है कि प्राकृतिक पूजा पाहन पूजा के द्वारा किया जाता है। वहीं सरहुल पर्व के दौरान आपसी सौहार्द कायम करते हुए समाज मे एक दूसरे को बधाई दी।
पूजा के पश्चात सरना समाज द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा
