किस्को। जिले के किस्को प्रखण्ड क्षेत्र के तिसिया, काशीटांड, मसूरियाखाड़, डहरबाटी, पाखर, मडुवापाट सहित अन्य जंगलों में महुआ चुनने वाले स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विभागीय कार्रवाई का परवाह ना करते हुए बेखौफ होकर जंगलों में आग लगा दिए जाने से प्रतिदिन हजारों हरे भरे पेड़ पौधे नष्ट हो रहे हैं. वही पर्यावरण को भी काफी क्षति पहुंच रहा है. जंगलों में आग लगाए जाने की वजह से काफी पशु पक्षी और जंगली जानवरों को अपना जान गवानी पड़ रही है. साथ ही उन्हें जंगलों से रुख बदलना पड़ रहा है. ऐसे में वन विभाग का कर्तव्य बनता है कि ऐसे लोगों के विरोध नियम संगत कानूनी कार्रवाई करें तो वन पर्यावरण की जान बच सके और मनुष्य को स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त हो सके. लेकिन फॉरेस्ट विभाग इस पर अंकुश लगाने में विफल है. हालांकि बीते वर्ष के भांति इस वर्ष वन विभाग की भरमन से आग लगी की घटना में कुछ कमी आई है।
महुआ चुनने के लिए आग लगाए जाने से हजारों हरे भरे पेड़-पौधे नष्ट
