लोहरदगा। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर राज्यकीयकृत मध्य विद्यालय नवाडीपाड़ा में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों के बीच एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण राम ने बतलाया कि 25 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को मलेरिया के प्रति जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष इस विद्यालय में भी जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि सभी अपने घर के आस पास एवं समाज को इसकी महत्ता को समझा सके और इससे बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। विज्ञान शिक्षक राहुल कुमार ने बतलाया कि मलेरिया का मुख्य कारण जगह जगह पानी का जमाव होना है। किसी भी कारण से पानी का जमाव नही होने दे, जमे हुए पानी मे ही मच्छर अंडे देती हैं। जमे हुए पानी के गड्ढे को हो सके तो भर कर निजात पाया जा सकता है, नही तो जला हुआ मोबिल अथवा मिट्टी के तेल का दो चार बून्द डालकर इसके प्रकोप को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग से आये हुए एम पी डब्ल्यू मनीष कुमार ने बतलाया कि मादा मच्छर एनोफेलीज के काटने से मलेरिया होता है। नॉर्मल मलेरिया होने पर व्यक्ति जल्दी रिकवर हो जाता है, वहीं गंभीर रूप से मलेरिया होने पर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है, मलेरिया में दवाओं के साथ अगर खानपान सही रखा जाए तो शरीर को ताकत मिलती है फिर मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकता है। मलेरिया होने पर मरीज को तेज बुखार के साथ सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती, मलेरिया के मरीजों को कंपकपी देकर तेज बुखार आती है, बुखार आने पर मारीज को तेज़ी से ठंड लगती है। मलेरिया के मरीज को थकान और बेचैनी महसूस होती है। अगर आपको भी ऐसी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। मलेरिया के मरीजों को डायरिया की समस्या भी हो सकती है। एम पी डब्ल्यू तनवीर ज़की असरफ ने बताया कि मलेरिया का निदान ब्लड टेस्ट के जरिए होता है। इसके लिए मलेरियल पैरासाइट और मलेरियल एंटीजेन टेस्ट किया जाता है। इन्हीं टेस्ट के जरिए लैब वाले बताते हैं कि किस प्रकार के मलेरिया से व्यक्ति ग्रस्त है। यदि नॉर्मल मलेरिया है, तो इलाज सही तरीके से होने पर व्यक्ति तीन से पांच दिन में ठीक हो सकता है। यदि दवा सही है, डोज पहले से ही दिया जाए और रेजिस्टेंट मलेरिया नहीं है, तो व्यक्ति जल्दी ही स्वस्थ हो सकता है। मलेरिया में खान-पान मलेरिया हो जाने पर क्या खाना चाहिए जिससे जल्दी रिकवरी हो सके। खानपान में मरीज को संतुलित आहार देना चाहिए जिसमें अनाज, दालें, सब्जियां, फल तथा मलेरिया होने पर मरीज को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है इसके लिए मरीज को नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, लस्सी, सूप, दाल का सूप, सेब का जूस, एलेक्टोरल वाटर आदि तरल पदार्थों का खूब सेवन करना चाहिए. मलेरिया हो जाने पर मरीज को खट्टे फल खिलाना चाहिए। इस दौरान विद्यालय के बच्चों के बीच मलेरिया पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। क्विज में बच्चों ने शीघ्र सटीक उत्तर देकर निर्णायकों को प्रभावित किया। क्विज में सफल प्रतिभागी छात्र और छात्राओं को पठन-पाठन किट देकर पुरस्कृत भी किया गया। पुरस्कार पाने वाले छात्र-छात्राओं में मीरा कुमारी, बबिता कुमारी, रोहन सोनी, आयुष साहू, चांदनी कुमारी, हार्दिक भगत, सिकंदर उरांव, सत्यम महतो, दीपिका उरांव ने पुरस्कार पाकर खुश हुए और इसतरह के प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़ कर भाग लेने पर सहमति जताए। इस दौरान विद्यालय के अजय कुमार, नेमहंती मिंज, मनीष कुमार के द्वारा भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति के भगमनिया उरांव, अंजूषा उरांव, संयोजिका किरण देवी, माता समिति सदस्य सुमन देवी, पुष्पा देवी, संगीता देवी, अभिभावक प्रवीण भगत, कौशल्या देवी, प्रवीण कुमार लाल, शिवचरण मुंडा, पूजा कुमारी, रीना उरांव, जलेश्वर उरांव, हरी उरांव, अनिल उरांव, बबली उरांव, संगीता उरांव इत्यादि उपस्थित थे।
बच्चे समाज को मलेरिया से बचाव के प्रति करें जागरूक : अरुण राम
