लोहरदगा। पूर्व 20 सूत्री सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता रामचंद्र गिरि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिले के जितने भी स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं उनकी हालत काफी दयनीय है, वहां किसी रोग की दवा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार गरीबों का मसीहा बनने का नाटक कर सत्तासीन हुई, वह सरकार ग्रामीण क्षेत्र कि स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों में पारासिटामोल तक नहीं उपलब्ध करा पा रही है, यह काफी शर्म की बात है। रामचंद्र गिरि ने कहा है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र के कार्यकर्ता चुपचाप बैठे रहते हैं रोगी आते हैं, उन्हें देखते हैं और बिना दवा के खाली हाथ उन्हें रुखसत कर देते है. स्वास्थ्य कर्मियों की बेबसी को देखकर समझा जा सकता है कि वे रोगियों के लिए कुछ करना तो चाहते हैं किंतु दवा के अभाव में विवश हैं। रोगी जब दवा मांगते हैं तो उनका कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में किसी भी प्रकार की दवा नहीं है तो हम कहां से दे. प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों की भी यही स्थिति है. वहां खुद दवा का अभाव है तो वह ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों में दवा कहां से उपलब्ध कराएं। गांव के गरीब बहुत उम्मीद लगाकर स्वास्थ्य उप केंद्रों में जाते हैं कि वहां जांच भी हो जाएगी और दवा भी मिल जाएगी. किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। श्री गिरि ने कहा है कि अभी का जो मौसम है उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रस्त हैं। किस्को प्रखंड के बगडू क्षेत्र में तो जांच के दौरान मलेरिया के भी काफी रोगी मिले. किंतु सरकार की ओर से उनके लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार को अविलंब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दवा मुहैया करानी चाहिए या राज्यहित में सत्ता का त्याग कर देना चाहिए।
उप स्वास्थ्य केंद्रों में साधारण दवाओं का भी टोटा : रामचंद्र गिरी
