सेवानिवृत्त आचार्य गोरख पांडेय को दी गई भावभीनी विदाई

लोहरदगा शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर लोहरदगा के इतिहास विषय के वरिष्ठ आचार्य गोरख पांडेय को सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्हें विद्यालय परिवार द्वारा स्नेह मिलन समारोह का आयोजन करके भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम का प्रारंभ आगत अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। विदाई समारोह में विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष विनोद राय, सचिव अजय प्रसाद, शिक्षाविद कृष्णा प्रसाद, गुमला विभाग के विभाग प्रमुख अखिलेश कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक मनोज दास, समिति सदस्य जीतराम बड़ाईक, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य उत्तम मुखर्जी, उपस्थित थे. अतिथि परिचय एवं भूमिका प्रस्तुत करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य बिपिन कुमार दास ने कहा कि गोरख पांडेय जी अपने विषय के विशेषज्ञ, कर्मठ एवं समर्पित आचार्य रहे। अपने सेवाकाल में उन्होंने विद्यालय की सभी गतिविधियों में समर्पित भाव से अपनी सहभागिता दी। इस मौके पर विद्यालय की बहन रोमा एवं सहेलियों द्वारा एक भावपूर्ण विदाई गीत प्रस्तुत किया गया। आचार्य प्रतिनिधि के रूप में अपना उद्गार व्यक्त करते हुए विद्यालय के आचार्य अमरकांत शुक्ला ने कहा कि गोरख पांडेय जी के साथ मेरा 28 वर्षों का कार्यानुभव रहा है। विद्यालय को चहुंमुखी विकास की दृष्टि से आगे बढ़ाने में इनका मनसा वाचा कर्मणा अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने विद्यालय के संघर्षशील प्रारंभिक कार्यकाल का भी उल्लेख किया। विद्यालय की आचार्या मधुमिता शर्मा ने उनके जीवन एवं पारिवारिक उपलब्धियों में उनके संस्कारक्षम व्यवहार एवं मार्गदर्शन की अतुलनीय भूमिका का उल्लेख किया। मौके पर विद्यालय के सचिव अजय प्रसाद ने उनके लिए निर्मित मानपत्र का वाचन किया। कक्षा दशम की बहन गुण पाण्डेय ने अपना अनुभव कथन प्रस्तुत किया। मौके पर श्री कृष्णा प्रसाद ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि गोरख जी में एक आदर्श व्यक्ति एवं आदर्श शिक्षक के गुण हैं। सिक्के के दो पहलुओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सेवा नियुक्ति एवं सेवानिवृत्ति जीवन के दो पहलू हैं। मौके पर उपस्थित गुमला विभाग के विभाग प्रमुख अखिलेश कुमार ने कहा कि स्नेह मिलन समारोह हर एक व्यक्ति के लिए शिक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है। गोरख जी वैधानिक रूप से अवकाश ले रहे हैं किंतु भावनात्मक रूप से वे सभी के हृदय में हमेशा प्रतिष्ठित रहेंगे। गोरख पांडेय ने भैया- बहनों एवं आचार्यों के लिए सुझाव देते हुए कहा कि शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों के लिए स्वाध्याय का अत्यंत महत्व है। उन्होंने भैया – बहनों से कहा कि यदि जीवन में कुछ निर्धारित लक्ष्य है तो अनुशासित एवं जिज्ञासु होकर प्राप्त किया जा सकता है। मौके पर उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक मनोज दास ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गोरख पांडेय का जीवन आदर्श एवं अनुकरणीय है। हमें उनके व्यवहारिक जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल ने कहा कि गोरख पांडेय ने अपने पास मौजूद शिक्षा के सभी गुणों को भैया – बहनों में संप्रेषित कर दिया। आपने कितना ग्रहण किया यह आपके मूल्यांकन का विषय है। ये विद्यालय से तो जा रहे हैं किंतु प्रबंध कारिणी समिति के पदाधिकारियों के दिलों हमेशा प्रतिष्ठित रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की आचार्या मंजू के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। मंच संचालन विद्यालय के आचार्य विष्णु दत्त पांडेय एवं मंजु देवी ने किया. कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य -आचार्या एवं भैया – बहन उपस्थित थे।

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