लोहरदगा। बढ़ती गर्मी के साथ जिले के विशेषकर जंगली व पठारी इलाको में पेयजल की इन दिनों गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. ग्रामीणों को पानी की जुगाड़ में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का अधिकांश समय पानी की जुगाड़ में बर्बाद हो रहा है. ऐसी परिस्थिति में रोज कमाने खाने वाले गरीब मजदूरो को अपने परिवार के जिविकोपार्जन की भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. जिले के बुलबुल, केरार, सहेदापाठ, दुगु, बोदोबार, मदनपुर, चंदलगी, रोरद, कौवाखाड़, दुंदरू, बिड़नी, कोटारी, पेशरार, हतवल, पुतरार आदि दर्जनों जंगली व पहाड़ी इलाको के ग्रामीणों को पेयजल के लिए लंबी दूरी का सफर तय करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की कोई नई समस्या नहीं है. दशको से लोग पानी की संकट से जूझ रहे है. परंतु इस दिशा में किसी का कोई ध्यान नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावे नेताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों को पेयजल संकट को लेकर कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया. परंतु समस्या जस के तस है. कई नेता चुनाव के समय यहां पहुंचे, बिजली, पानी सहित अन्य कई समस्याओं के निदान को लेकर बड़े बड़े वायदे भी किए. परंतु चुनाव जीतने के बाद अपने किए गए वायदे को कभी पूरा नहीं किए.
जंगली व पठारी क्षेत्र के दर्जनों गांव में पेयजल संकट गहराया, पानी के लिए लोग हो रहे है पानी-पानी
