लोहरदगा। उप विकास आयुक्त समीरा एस की अध्यक्षता में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड, रांची द्वारा सहकारिता के माध्यम से कृषि और वन उपज के द्वारा आजीविका संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बुधवार को लोहरदगा जिले के जिला परिषद् भवन के सभागार में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ उप-विकास आयुक्त समीरा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप-विकास आयुक्त ने कहा कि कृषि एवं वनोपज से किसानों की आय में वृद्धि करने के आपार संभावनाए हैं। सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं वनोपज के व्यापार से ठेकेदारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त कराना है। राज्य के ग्रामीणों इलाकों में बिचौलिये इतने सक्रिय हैं कि आज ग्रामीणों को उनके कृषि एवं वनोपज उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों को उनके द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों का उचित पारिश्रमिक दिलवाना, कृषि एवं वनोपज का उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण, अनुसंधान तथा विकास की विभिन्न गतिविधयों को सहकारी आधार पर संगठित करना, क्रय-विक्रय एवं वितरण की ऐसी व्यवस्था करना जिससे कि सदस्यों को सर्वोत्तम लाभ मिले इस संघ का उद्देश्य है। वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविन्द कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित कर कृषि एवं वनोपज के बेहतर ब्रांडिंग की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्पादों को ना सिर्फ नए बाजार उपलब्ध होंगे अपितु उत्पादकों को सही कीमत भी मिलेगी। वनोपज के बेहतर प्रबंधन से वनों पर आश्रित समुदाय के जीवन में आर्थिक सबलता आएगी और नए रोजगार व पूंजी का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, मार्केटिंग, भण्डारण आदि विषयों पर तकनीकी प्रशिक्षण राज्य स्तरीय संघ के द्वारा दिया जायेगा। उन्होंने लोहरदगा जिले में उपलब्ध वन क्षेत्र के बेहतर उपयोग पर जोर देते हुए बताया कि लैम्प्स, पैक्स के पुनुरुथान के लिये सरकार कदम उठा रही है और सभी किसानों को लैम्प्स के सदस्य बन कर एकजुट होना चाहिए। जिला सहकारिता पदाधिकारी अमर भूषण क्रांति ने लैम्प्स के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोहरदगा जिला अंतर्गत पाए जाने वाले उपज यथा; धान, गेहूँ, मकई, अरहर, उरद, मूंग, मूंगफली, महुआ, ईमली, करंज, साल बीज, कुसुम, महुआ बीज, मडुआ, सरगुजा, सरसों आदि का उत्पादन प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है। महासंघ एक त्रिस्तरीय संगठन है। राज्य स्तर से तकनीकी प्रशिक्षण, ब्रांडिंग, विपणन का कार्य किया जाएगा , जिला संघ अपने क्षेत्र में उपलब्ध उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य करेगी। उन्होंने सभी लैम्प्स, पैक्स को जिला संघ से जुड़ने और सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित भी किया। पैक्स, लैम्प्स SIDHKOFED की बुनियादी संस्था है जो जिले के सभी किसानों एवं वन संग्रहको को सदस्य बनाएगी एवं उत्पादों की खरीद करेगी। उन्होने सहकारिता के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि सहकारी संस्थाओ के मजबूत होने से ग्रामीण विकास को गति मिलती है। जिले में निदेशक पार्षद की बैठक में 48 लैम्प्स में 100 MT गोदाम , 48 लैम्प्स में 500 MT गोदाम, 43 लैम्प्स में कार्यशील पूंजी एवं राइस मिल स्थापन का प्रस्ताव पारित कर राज्य संघ को पारित किया गया। राज्य प्रबंधन टीम के द्वारा ऑडियो-विसुअल के माध्यम से प्रतिभागियों को अपने सहकारी संस्थायों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया गया और प्रेजेंटेशन के द्वारा उन्हें SIDHKOFED के गठन, संघ के उद्देश्य और महासंघ में लैम्प्स की भूमिका से अवगत कराया गया। कार्यशाला में सहायक निबंधक मनीषा तिर्की एवं सभी लैम्प्स और विशेष समितियों के सदस्य भी उपस्थित थे।
आजीविका संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
