गालूडीह। घाटशिला रेलवे स्टेशन से लगभग 25 किमी दूर झाटीझरना पंचायत के फूलझोर गांव में स्थित काशीडांगा मंदिर में सावन के दूसरे सोमवारी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. दूसरी सोमवारी पर श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ को जलार्पण किया. इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह मंदिर पहाड़ों के बीच स्थित है. इस मंदिर के निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि यह वर्षों पुराना है. वर्तमान में यहां काफी दूर दराज से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं.
प्रकृति की मनोरम वादियों का लुत्फ उठाने के लिए भी बंगाल व ओडिशा से आते हैं भक्त
इस बार भी काफी श्रद्धालु भोलेबाबा के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं. विदित हो कि यहां पहुंचना इतना आसान भी नहीं है. पहाड़ों के बीच से होते हुए यहां तक भक्त पहुंचते हैं. यहां तक की प्रकृति की मनोरम वादियों का लुत्फ उठाने के लिए भी बंगाल व ओडिशा से भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर की खास बात यह है कि भगवान भोले शंकर की पूजा-अर्चना ब्राह्मण के हाथों नहीं होती है, बल्कि वहीं के संथाल परिवार के सदस्य बाबा भोले की पूजा अर्चना करते हैं. सावन में राज्य के ही नहीं बल्कि बंगाल व ओडिशा से काफी संख्या में शिव भक्त काशीडांगा मंदिर पहुंचते हैं.