धनबाद। लंबे समय से क्षेत्र में वर्षा नहीं होने के कारण मैथन एवं पंचेत डैम का जलस्तर कम होता जा रहा है. यही स्थिति रही तो इसका असर धनबाद की जलापूर्ति पर पड़ सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए डीवीसी प्रबंधन ने बंगाल को सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा पानी बुधवार 27 जुलाई से बंद कर दिया है. बतातें चलें कि बंगाल सरकार के आग्रह पर डीवीसी ने 22 से 30 जुलाई तक मैथन डैम से 70 हजार क्यूसेक पानी छोडने का निर्णय लिया था. हालांकि मैथन डैम का जलस्तर काफी कम होने के कारण डीवीसी पंचेत डैम से रोजाना हाइडल के माध्यम से पानी छोड रहा था. पांच दिन तक बंगाल को सिंचाई के लिए पानी देने के बाद दामोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेटरी कमीशन ने पाया कि मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर बहुत नीचे चला गया है.
जरूरी कार्यों के लिए 1000 क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी
डीवीआरआरसी के उप निदेशक एनएन शंकर ने पत्र जारी कर अगले आदेश तक बंगाल को सिंचाई के लिए मैथन व पंचेत डैम से पानी छोडने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. हालांकि, आवश्यक कार्यों के लिए 1000 क्यूसेक पानी छोडा जा रहा है. मैथन का जलस्तर फिलहाल 545 फीट है. यहां का डेड लेवल 454 फीट है. पंचेत डैम का 392.02 फीट दर्ज किया गया, जो डेड लेवल 392 फीट से मात्र 1.79 फीट ऊपर है.
धनबाद में हो सकती थी पानी की समस्या : अपूर्व साहा
डीवीसी मैथन के पीआरओ अपूर्व साहा के अनुसार मैथन व पंचेत डैम से बंगाल को सिंचाई के लिए पानी छोड़ने का सिलिसला कुछ दिनों तक और जारी रहता तो इसका असर धनबाद की जलापूर्ति पर भी पड़ सकता था. मैथन डैम के ऊपरी हिस्से में पानी नहीं रहने के कारण बच्चे वहां क्रिकेट खेल रहे हैं. इस मानसून में पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने के कारण डैम की यह स्थिति हुई है. जलसंकट के खतरे को भांप कर डीवीसी प्रबंधन को बंगाल को पानी देने पर रोक लगाने का फैसला लेना पड़ा.