रांची। छठी जेपीएससी से जुड़े मामले में गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई हुई. बुधवार को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने गुरुवार को मामले की विस्तृत सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस रवि कुमार की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान सफल अभ्यर्थियों के अधिवक्ता की दलीलों को कोर्ट ने सुना. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है. अब देश की शीर्ष अदालत के फ़ैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.
प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में दी दलील
प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने अपनी ओर से दलील पेश करते हुए अदालत को बताया कि सहायक अभियंता नियुक्ति में जेपीएससी कहती है कि 40 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है.वही मुख्य परीक्षा में इसके विपरित मेरिट लिस्ट जारी हुआ. यानी जेपीएससी अपना स्टैंड बदल रही है. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहना ने आज अदालत मे बी एस दुबे रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए प्रक्रिया को सही ठहराया है।
झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी के रिजल्ट को किया था खारिज
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बैंच ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए छठी जेपीएससी के रिजल्ट को खारिज कर दिया था. अदालत ने एलपीए 204 और 207 पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. कोर्ट ने 7 जून 2021 को छठी जेपीएससी की नई मेरिट लिस्ट जारी करने का फैसला दिया था.जिसके बाद यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत के समक्ष पहुंचा है.