गिरिडीह । जिले पीरटांड़ प्रखंड स्थित जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन (पासरनाथ) में 4 अगस्त को मोक्ष सप्तमी यानी मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाएगा. इसमें देश भर से पचास हजार से अधिक जैन श्रद्धालु जुटेंगे. इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. हर वर्ष सावन महीने की सप्तमी को मोक्ष सप्तमी मनाया जाता है. इस दिन जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. मोक्ष सप्तमी के दिन जैन श्रद्धालु श्रद्धा भाव से स्वर्णभद्र कूट पार्श्वनाथ टोंक पर निर्वाण लाडू चढ़ाते हैं. श्रद्धालु इस पहाड़ी की वंदना भी करते हैं. धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जाता है.
मोक्ष सप्तमी के दिन मधुबन के मध्यलोक शोध संस्थान में जैन मुनि पूज्य सागर जी महाराज के सानिध्य में पूजा-अर्चना और विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा. गुणायतन में मुनि प्रमाण सागर जी महाराज, तेरापंथी कोठी में आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज, बीसपंथी कोठी में मुनि प्रसन्न सागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि पीयूष सागर जी महाराज और त्रिवेशी आश्रम में आचार्य संभव सागर जी महाराज के सानिध्य में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा.
जैन ग्रंथों में जिक्र है कि 24 में से 20 तीर्थंकरों को पारसनाथ पहाड़ी पर ही मोक्ष की प्राप्ति हुई. इस वजह से यह जगह जैनियों का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र है. भगवान पार्श्वनाथ ने आज से करीब तीन हजार वर्ष पूर्व पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी स्वर्ण भद्र कूट में मोक्ष प्राप्त किया था. उन्हीं के नाम पर इस पहाड़ का नाम पारसनाथ रखा गया है.
मोक्ष सप्तमी को लेकर मधुबन थाना पुलिस भी सतर्क है. बीडीओ दिनेश कुमार ने बताया कि मोक्ष सप्तमी को लेकर पुलिस और प्रशासन तैयार है. मधुबन के विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई गई है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मधुबन में सड़क वनवे किया जायेगा. वाहनों की पार्किंग थाना मैदान में की जाएगी. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे.