गिरिडीह। धनरोपनी का वक्त गुजरता जा रहा है. अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. धान के खेत सूखे पड़े हैं. विगत वर्ष के आंकड़े ये है कि जुलाई के अंत तक लगभग दस प्रतिशत धनरोपनी हो जाती थी. इस वर्ष छिटपुट धनरोपनी उन खेतों में किसानों ने शुरू की है जो खेत तालाब या नदी किनारे स्थित है. किसान अभी भी बारिश की बाट जोह रहे हैं. गिरिडीह प्रखंड के बेरगी गांव के किसान राजवंश सिंह का कहना है कि 15 अगस्त तक बारिश नहीं होने पर खेतों में मोटे अनाज जैसे मकई, अरहर, कुल्थी व अन्य तेलहन फसलों की खेती की जाएगी. खेतों को तैयार किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 के जून में 352. 9 मिलीमीटर और जुलाई में 221. 8 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इस वर्ष जून में 92.8 मिलीमीटर और जुलाई में 83. 1 मिलीमीटर ही बारिश हुई. धान की खेती के लिए खेतों में कम से कम तीन से चार इंच पानी जमा होना चाहिए. जबकि सच्चाई ये है कि खेतों में बिल्कुल पानी नहीं है. करीब चालीस प्रतिशत धान के बिचड़े पीले पड़ चुके हैं. अभी भी किसानों को उम्मीद है कि 15 अगस्त तक बारिश होने पर 40 से 50 प्रतिशत धानरोपनी हो जाएगी.