हर घर तिरंगा फहराने पर ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा 11 करोड़ खर्च

रांची। पंचायती राज निदेशक राजेश्वरी बी ने आजादी के 75वें वर्षगांठ पर देशभक्ति की भावना सभी नागरिकों में भरने के लिए हर घर झंडा,हर घर तिरंगा कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी उपविकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद को पत्र लिखा है. 13 से 15 अगस्त तक तीन दिन तक चलने वाले इस राष्ट्रीय आयोजन का मुख्य उदेश्य है कि सभी गृहस्वामियों द्वारा उनके अपने मकान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना है. यह कार्यक्रम शहरी और ग्रामीण क्षेत्र सभी जगह आयोजित होंगे. ऐसे में पंचायती राज निदेशक ने ग्रामीण क्षेत्रों में इस वृहत कार्यक्रम का सफल एवं प्रभावपूर्ण आयोजन त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं चयनित प्रतिनधियों का सहयोग लेने को कहा गया है. इसके लिए विशेष ग्राम सभा भी आयोजित की जा रही है.

पंचायती राज विभाग ने हर घर झंडा,हर घर तिरंगा अभियान के लिए 15वें वित्त आयोग मद के अनाबद्ध अनुदान मद से विमुक्त राशि से त्रिस्त्रतरीय पंचायतों को अधिकतम 2500 रुपये प्रति ग्राम पंचायत,5000 रुपये प्रति पंचायत समिति व 25000 रुपये प्रति जिला परिषद खर्च करने की स्वीकृति दी है. यानि इस अभियान में लगभग 11 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पंचायत समिति एवं जिला परिषद द्वारा बैनर,पोस्टर एवं प्रचार वाहन का भी उपयोग करने को कहा गया है. बता दें कि इस संबंध में मुख्य सचिव झारखंड ने भी बैठक कर निर्देश दिया था. राज्य में करीब साढ़े चार हजार ग्राम पंचायत, 265 पंचायत समिति व 24 जिला परिषद हैं.

दिए गए निर्देश

• त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रधान एवं अन्य सदस्यों जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,सदस्य,पंचायत समिति के प्रमुख,उप प्रमुख, सदस्य,ग्राम पंचायत के मुखिया, उप मुखिया, सदस्य को हर घर झंडा,हर घर तिरंगा कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निमाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों से झंडा के वितरण में सहयोग लेने को कहा गया है.

• त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थानों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी एवं उनके परिवार के लोगों से हर घर झंडा,हर घर तिरंगा कार्यक्रम में भारतीय झंडा संहिता के आलोक में सक्रिय भागीदारी कराने को कहा गया है.

• ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक क्षेत्रों में हर घर झंडा,हर घर तिरंगा कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय भाषा में ढोल,डुगडुगी,कला जत्था का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.

• कला संस्कृति विभाग व जिला उपायुक्त के स्तर से उपलब्ध कराए गए झंडों को वितरित करने के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों को सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया है.

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