19 अगस्त को मंदिरों व घरों में कृष्ण जन्माष्टमी पर होगा उत्सव

धनबाद। धनबाद के मंदिरों तथा घरों में कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी. धनबाद के हीरापुर, धनसार आदि जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है. गोल्फ ग्राउंड खड़ेश्वरी मंदिर में 1978 से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. पंडित मनोज कुमार ने बताया कि 44 साल से कृष्ण जन्माष्टमी पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. खीरा काटकर भगवान का जन्मदिन मनाया जाता है.

इस्कॉन की ओर से गोल्फ ग्राउंड में भव्य आयोजन

इस्कॉन मंदिर धैया में 2018 से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. इस्कॉन मंदिर के सेंटर इंचार्ज सुमित रंजन ने बताया कि इस बार 19 तथा 20 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी भव्य रुप से गोल्फ ग्राउंड में मनाई जाएगी. जन्मोत्सव में 50 हजार लोग भाग लेंगे. भागवत कथा हरि नाम कीर्तन, राधा कृष्ण अभिषेक 12:00 बजे रात में छप्पन भोग तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ विशेष आरती का भी आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आईआईटी के स्टूडेंट संस्कृत में मंत्रोच्चार करेगे. सारे आयोजन शाम 4 बजे से रात्रि के 12 बजे तक होंगे.

         आरपीएसएफ में कृष्ण की बाल लीला

आरपीएसएफ के 10 बटालियन मंदिर में 2021 से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. यहां झांकी के जरिये कृष्ण जन्म से राक्षस वध और बाल रूपों का मूर्ति लगाई जाती है. श्रद्धालुओं को यह सब आकर्षित करता है. पंडित ललन मिश्र ने बताया कि 22 साल से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है.

शिव हनुमान विश्वकर्मा मंदिर बैंक मोड़ में भव्य आयोजन

शिव हनुमान विश्वकर्मा मंदिर बैंक मोड़ में 2011 से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. स्वामी द्वारका दास ने बताया कि मंदिर में भव्य रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. बताया कि 11 साल से यहां भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. भारी संख्या में यहां भक्तों का जुटान होता है.

  लक्ष्मी नारायण मंदिर धनसार में लगता है मेला

धनसार में लक्ष्मी नारायण मंदिर में भव्य रूप से कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन होता है. पंडित श्रीकांत पाठक ने बताया कि विगत 7 साल से यहां भगवान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. उस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और भव्य मेला का आयोजन भी होता है.

     19 अगस्त को मनाया जाएगा पर्व : एस के पाठक

इस वर्ष जन्माष्टमी का व्रत शुक्रवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि रात को 1 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उस दिन रोहिणी नक्षत्र के अभाव में कृतिका नक्षत्र, जो 4.58 रात्रि तक है, के बाद रोहिणी नक्षत्र 21 अगस्त 2022 रविवार को सुबह 7 बजे तक है. रोहिणी नक्षत्र में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाने वाले वैष्णव जन 20 अगस्त को नवमी तिथि में शनिवार को व्रत रखेंगे. गृहस्थ के लिए शुक्रवार को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाना श्रेयष्कर होगा.

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