चतरा। महिला काव्य मंच, चतरा इकाई के तत्वावधान में ऑफलाइन मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्षा श्वेता सिन्हा के द्वारा किया गया. यह कार्यक्रम छठ तालाब रोड स्थित काव्य मंच की कवयित्री डॉ संध्या रानी की आवास पर आयोजित थी. कार्यक्रम का संचालन डॉ सबिता बनर्जी ने किया. काव्य कार्यक्रम का शुभारम्भ कवयित्री श्वेता सिन्हा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. मंच की सदस्या मीनाक्षी जायसवाल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया.
कविता फूलवंती ने देशभक्ति, मीनाक्षी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए एक खूबसूरत गीत गाया. तीज पर मीनाक्षी ने प्रेम गीत, सुशीला ने उरी और पुलवामा के शहीदों को याद करते हुए देशभक्ति के रंग में माहौल को रंग दिया. संध्या ने देशवासियों को यह संदेश दिया कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है जिसे करने के बाद हम दुगुने उत्साह से तिरंगा फहराएंगे. सबिता की कविता कुछ हटकर थी जो समाज की कटु सचाई को उजागर करती हैं.” औरतें पतियों के लिए बहुत से व्रत करती हैं,औरतों के लिए कौन व्रत करता है? “उनकी कविता का ये सवाल सच में विचारणीय है. श्वेता सिन्हा ने देशभक्ति की दो कविताएं प्रस्तुत की. एक कविता के बोल थे,”न बन सको गर तुम भगत सिंह महान!
न दे सको गर देश पर अपनी जान!
“इतना तो कर लो” तुम ऐ इंसान!
की जीता रहे अपना हिंदुस्तान!!! उनकी दूसरी कविता एक गरीब लड़की की दास्ता है, जो अनपढ़ होते हुए भी देशभक्ति के महत्व को जानती है और शहीद की विधवा होकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है. कार्यक्रम का समापन सबिता बनर्जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.