हड़ताल पर सफाईकर्मी, चरमराई सफाई व्यवस्था

धनबाद। वेतन वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर रविवार की सुबह एसएनएमएमसीएच के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी. वे अस्पताल के मुख्य गेट के सामने दैनिक भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सफाईकर्मियों ने ठेकेदार के ऊपर कई आरोप लगाए हैं.

इस दौरान कर्मचारियों ने नारेबाजी की और अस्पताल के गेट पर बैठ गए. इनके इस हड़ताल से अस्पताल की सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. वार्डों में हर तरफ गंदगी बिखरी पड़ी है. मरीजों का बाथरूम जाना मुश्किल हो रहा है.सफाई कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें एजेंसी द्वारा प्रतिदिन 220 रुपए का भुगतान किया जाता है. जबकि सरकारी नियम के अनुसार प्रतिदिन 368 रुपए का भुगतान किया जाना चाहिए. कागजों पर यही भुगतान दिखाया जा रहा है. उनका पैसा एजेंसी और उसके लोग बीच में खा जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसी भी त्योहार में कोई बोनस नहीं दिया जाता है. वे अस्पताल की गंदगी से लेकर मरीजों की सेवा करते हैं लेकिन, मजदूरी दैनिक भत्ते से बहुत कम मिलती है. उनकी मांग है कि उनलोगों को उचित दैनिक भत्ता का भुगतान होना चाहिए. उन्होंने कहा है कि जब तक उनका पैसा नहीं बढ़ाया जाएगा वह लोग काम पर नहीं लौटेंगे.

एजेंसी के लोग अच्छा बर्ताव नहीं रखते

सफाई कर्मी अशोक मलिक ने बताया कि अस्पताल में लंबे समय से आउटसोर्सिंग पर साफ सफाई का काम हो रहा है. सफाई का काम कमांडो सर्विसेज एजेंसी को मिला है. अस्‍पताल में सफाई के लिए 110 से ज्यादा कर्मचारियों को काम पर बहाल किया गया है, लेकिन मात्र 70 कर्मचारियों से ही काम लिया जा रहा है. वहीं अन्य सफाई कर्मियों ने कहा कि यहां काम कर रहे कर्मचारियों के साथ एजेंसी के लोग अच्छा बर्ताव नहीं रखते हैं. हर छह महीने में सफाई कर्मचारियों को काम से हटा दिया जाता है. फिर दोबारा जॉइनिंग के नाम पर एक हजार रुपया वसूला जाता है. दोबारा जॉइनिंग के बाद पीएफ और मेडिकल की कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. इसको लेकर कई बार विभागीय पदाधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.

इधर, अस्पताल अधीक्षक डॉ अरुण कुमार बरनवाल ने बताया कि बेहतर साफ-सफाई नहीं होने की वजह से पिछले दिनों एजेंसी के खिलाफ सरकार को लिखा है. अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में साफ-सफाई अच्छे तरीके से नहीं हो पा रही है. ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे अस्पताल की साख खराब हो रही है.

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