बोकारो। व्हिसल बजी, इशारा हुआ और एक-एक कर सभी यात्री ट्रेन में चढ़ने को तैयार हो गए. कतार में लगकर एक-एक करके सभी ट्रेन के दरवाजे से भीतर जा रहे हैं. अपनी-अपनी सीट पर सभी ने जगह ले ली है. अब थोड़ी देर में इसकी रवानगी होगी. इन बातों से ऐसा लगता है कि यहां किसी खास रेलगाड़ी का जिक्र हो रहा है. लेकिन ये ट्रेन बिल्कुल अनोखी और अलग है. आइये आपको भी ले चलते हैं, इस ज्ञान गंगा एक्सप्रेस के नए सफर पर.
कहीं रेलगाड़ी… तो कहीं हल-बैल की अनूठी चित्रकारी
बोकारो जिला के बेरमो में ज्ञान गंगा एक्सप्रेस अपने प्लेटफॉर्म पर खड़ी है. घंटी बजने के साथ इशारा होते ही ट्रेन का दरवाजा नियमित समय से खुलता है. इसमें यात्री कतार में लगकर धीरे-धीरे ट्रेन के डिब्बे में सवार होते हैं. बोगी में जाकर सभी अपनी-अपनी सीट लेकर बैठ गए. यात्री पूरे यूनिफॉर्म में, कंधे पर बैग और बैग में कॉपी, किताब, कलम और पेंसिल लेकर सभी ज्ञान गंगा एक्सप्रेस पर सवार हो गए. ये तस्वीर-ए-बयां राजकीय मध्य विद्यालय ढोरी की हैं, जिसे रेलगाड़ी का रूप दिया गया है. ट्रेन में पाठशाला और क्लास रूम को डिब्बों का रूप दिया गया है. सिर्फ इतना ही नहीं, क्लास रूम को भी नए ढंग से सजाया गया है. जैसे किसी कमरे में संसद भवन की पेंटिंग है तो किसी रूम में विज्ञान संबंधित अन्य जानकारियां उकेरी गई हैं.
इस रंग-रोगन और स्कूल को अनोखा रूप देने का सकारात्मक नतीजा सामने आ रहा है. स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि रंग रोगन होने के बाद स्कूल के बच्चों में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है. साथ ही बच्चों में जागरुकता भी बढ़ी है. इसके अलावा कक्षाओं को ट्रेन के डिब्बों का रूप देने के अलावा, रंग रोगन के द्वारा सभी कक्षाओं में विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञान से संबंधित कलाकृतियां भी बनाई गयी हैं. इन कलाकृतियों से बच्चों का पढ़ने में मन लग रहा है.
फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के ढोरी स्टाफ क्वार्टर स्थित राजकीय मध्य विद्यालय ढोरी में यह स्कूल स्थित है. इस विद्यालय का कायाकल्प बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह की पहल पर हुआ है. इसमें बोकारो उपायुक्त कुलदीप चौधरी और बोकारो उप विकास आयुक्त कीर्तिश्री का भी सराहनीय योगदान है. पूरे बोकारो जिला में इसकी अलग पहचान है, इस अनोखे रंग-रोगन के लिए इस विद्यालय का चयन भी किया गया था.