धनबाद। कोयलांचल के कुछ मेडिकल स्टोर्स में इन दिनों धड़ल्ले से नशे की दवा बेची जा रही है. जिसकी चपेट में गरीब तबके के लोग जैसे रिक्शा चालक और ऑटो चालक इसके शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला सदर थाना क्षेत्र (Sadar police station) का है, जहां पर ऑटो चालक ने नशीली दवा खाकर आत्महत्या कर (suicide after consuming drugs) ली है. इसको लेकर मृतक की बहन ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी बताने से इनकार कर रही है.
आईआईटी आईएसएम से धैया जाने वाली सड़क पर मुकेश कुमार नामक एक ऑटो चालक ने नशे की गोली खाकर अहले सुबह पेड़ के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या (Auto driver commits suicide) कर ली. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और काफी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गए. इसकी सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच में जुट गई है. मृतक की बहन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कुछ मेडिकल स्टोर्स में नशे की दवा खुलेआम बेची जा रही (Dhanbad drugs selling) है. खासकर तेलीपाड़ा के इलाके में साईं मेडिकल और तुलस्यान मेडिकल के साथ-साथ यह दवा कई मेडिकल स्टोर्स में धड़ल्ले से बेची जाती है. जिसके शिकार ऑटो चालक और रिक्शा चालक जैसे लोग हो रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन को यह नहीं दिखता है. उन्होंने जिला प्रशासन से इस काले कारोबार पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाने की मांग की और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
मृतक की बहन द्वारा नशीली दवाइयों की अवैध बिक्री को लेकर लगाए गए आरोपों को लेकर पुलिस का कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी नहीं बोल रहा है. इस मामले को लेकर उन्होंने जांच का हवाला देते हुए इतना कहा है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है, पूरी रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है. बाकी मामले में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
यहां बता दें कि नशे की दवा सस्ती होती है और इसे खाने से नशा भी ज्यादा होता है. जिस कारण गरीब तबके के लोग इसका सेवन करते हैं. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि नशे की दवा मेडिकल स्टोर्स के द्वारा बगैर किसी वैध कागजात के नहीं दिया जा सकता, यानी इसमें डॉक्टर का प्रेसक्रिप्शन होना अनिवार्य है, तब यह दवा मरीज को दी जाती है. इतना प्रतिबंध होने के बावजूद भी कई मेडिकल स्टोर्स कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में खुलेआम नशे की दवा बगैर किसी वैद्य कागज के बेच रहे हैं. इसको लेकर प्रशासन कोई पहल नहीं कर रही है.