रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने चर्चित हजारीबाग के बरही रूपेश हत्याकांड की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जांच की स्थिति को देखने के बाद इस मामले की जांच की प्रगति संतोषजनक नहीं पाया. अदालत ने यह माना कि जांच जिस तरह से होनी चाहिए वह नहीं हुई है. इसलिए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि रूपेश हत्याकांड मामले की जांच ठीक से नहीं की जा रही है. इसलिए इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से कराई जाए. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता ने सीबीआई जांच का विरोध करते हुए कहा कि जांच ठीक से चल रही है और शीघ्र ही जांच पूरी कर ली जाएगी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. साथ ही कहा कि सीबीआई जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथों में ले ले. साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन को भी इस मामले से संबंधित दस्तावेज तुरंत सीबीआई को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है.यहां बता दें कि रूपेश की मां ने मामले की जांच सही नहीं होता देख झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी. याचिका के माध्यम से उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच की मांग की, शुक्रवार को उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. सीबीआई की ओर से इस मामले में प्रशांत पल्लव ने पैरवी की.
रूपेश हत्याकांड
6 फरवरी 2022 को शाम 5:00 बजे रूपेश पांडे अपने चाचा के साथ बरही में सरस्वती पूजा देखने गया था. उस दौरान असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के नेतृत्व में 25 लोगों की भीड़ ने रूपेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले को लेकर बरही थाना में 27 आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 59 /2022 दर्ज कराया गया था. 7 फरवरी को पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. यह भी बता दें कि पीड़ित समाज के ऊपर भी एक एफआईआर कांड संख्या 63/2022 दर्ज की गयी थी. अब तक की हुई पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया है.