धनबाद। बैंक मोड़ थाना से महज दो सौ से ढ़ाई सौ मीटर की दूरी पर मुथुट फाइनेंस, बैंकमोड़ में डाका डालने पहुंचे डकैतों का मंगलवार को सुबह सुबह फिल्मी स्टाइल में एनकाउंटर हो गया. पिस्टल से निकली गोली सीधे लूटेरे धनबाद के भूली बी ब्लॉक निवासी 21 वर्षीय शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट को लगी और फिर सेकंड भर में उसका खेल खत्म हो गया. जितनी तेजी से गोली छूटी, उतनी ही तेजी से दो लूटेरे पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गये. इस पूरे घटनाक्रम के बाद धनबाद जिला में चहूंओर पुलिस की तारीफ हो रही है. नाराज धनबाद के व्यवसायियों ने पुलिस के खिलाफ अपने घोषित प्रदर्शन कार्यक्रम को वापस ले लिया है. धनबाद विधायक राज सिंहा, धनबाद चैंबर समेत अन्य जांबाज पुलिस टीम को सम्मानित करेगा. धनबाद के लोग एक सुर में कह रहा है- शाबास! जांबाज पुलिस अफसर, एक गोली में ही कर दिया डकैत का काम तमाम. बुधवार की सुबह से धनबाद जिले के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी गलियों तक इसकी गुंज सुनाई दी. इधर, धनबाद एसएसपी ने भी जांबाज टीम को पुरस्कार से नवाजने की बात कही है.
वहीं मां आखिर मां ही होती है. मंगलवार को बैंक मोड़ मुथूट फाइनेंस कांड में मारे गए भूली के शुभम सिंह की मां और दोनों बहनें बुधवार की सुबह धनबाद के SNMMCH अस्पताल में बिलख -बिलख कर रो रही थीं. मां की ममता फूट पड़ी थी. वह बीच-बीच में अपनी सुध भी खो रही थी. चिल्ला रही थी कि यह कैसा न्याय है कि उसके बेटे की लाश को भी उसे नहीं दिखाया जा रहा है. वह 3 घंटे से इंतजार कर रही है. बिलखती मां कह रही थी कि हम मानते हैं कि मेरा बेटा गलत था, लेकिन सिर्फ एक ही को क्यों मारा गया. दो जो पकड़े गए उन्हें क्यों नहीं मारा गया. दो जो भागे उन्हें क्यों नहीं पकड़ा गया है. शुभम सिंह की बहनें भी बिलख रही थीं. मां कहती है कि उसका बेटा लावारिस नहीं है, वह लाश ले जाएगी और अपने हाथों से उसका दाह संस्कार करेगी. मेरे खानदान का दीया तो बुझ गया लेकिन पुलिस अगर चाहती तो उसे पैर में गोली मारकर पकड़ सकती थी. ममता के आंसू आंखों में लिए मां कह रही थी कि उसके पिता तो घटना के बाद बिचलित हो गए हैं. अनाप शनाप बोल रहे हैं. एक महीने से मेरा बेटा घर नहीं आया था. मेरा बेटा ऐसा था नहीं लेकिन गलत संगत में फंसकर वह इस तरह का काम करने लगा होगा. लेकिन इसकी जानकारी उन लोगों को नहीं थी.
जबकि, एनकाउंटर में मारे गए धनबाद के भूली बी ब्लाॅक निवासी 21 वर्षीय शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट के पिता विश्वजीत सिंह ने शव लेने से इंकार की बात कही है. विश्वजीत ने बताया कि शुभम ने झूठ बोल कर हम सबको ठगा. इसलिए जिंदगी ने उसे ही ठग लिया. ऐसे बेटे के शव का बोझ नहीं उठा पाऊंगा, जिसने स्वाभिमान को ही खत्म कर दिया. पिता ने बताया कि उन्हें तो कुछ पता ही नहीं था. जब पुलिस दोपहर में घर पर आई, तब उन्होंने अस्पताल जाकर देखा तो पाया कि मृत युवक शुभम ही है. बेटा तो रक्षाबंधन के दो दिन बाद ही ट्रेनिंग की बात कह कर निकल गया था.
प्रोफेसर की संलिप्तता धनबाद मुथूट कांड में तलाशी जा रही है.
पुलिस को सूचना मिली है कि तीन सितंबर को धनसार मोड़ पर स्थित गुंजन ज्वेल्स में हुई डकैती को भी इसी गैंग ने अंजाम दिया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार बेउर जेल में बैठे आका के इशारे पर यह गैंग एक कांड को अंजाम देता है. लूट के बाद उस घटना में शामिल लड़के ठिकाना बदल लेते है. पुलिस मान रही है कि गुंजन ज्वेल्स की डकैती में इसी गैंग के लड़के शामिल थे. हालांकि उस डकैती के बाद आरोपी धनबाद से फरार हो गए. धनबाद के बैंक मोड़ स्थित मुथूट फिनकॉर्प में डकैती के दौरान मारा गया भूली बी ब्लॉक निवासी 21 वर्षीय शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट पटना में रह रहा था. एक वर्ष पूर्व उसने अपने घर वालों को बताया था कि उसकी डिफेंस में नौकरी लग गई है.
धनबाद में पुलिस की चौकसी और गुप्त सर्च अभियान
धनबाद में पुलिस की चौकसी तेज हो गई है और गुप्त सर्च अभियान शुरू है. दरअसल, पुलिस को शक है कि बेउर जेल में बंद कुख्यात अपराधी राजीव सिंह और सुबोध सिंह गैंग से जुड़े अपराधियों का ठिकाना धनबाद जिला के विभिन्न स्थानों पर हो सकता है. इसके पीछे दलील है कि वर्ष 2013 में दुर्गापुर में मुथूट फाइनेंस से करोड़ों रुपए के सोना की लूट हुई थी. इस लूटकांड का सरगना बरवाअड्डा के भितिया साधोबांध निवासी दशरथ महतो था. 26 फरवरी 2013 की देर रात में तत्कालीन एसपी रविकांत धान की सूचना पर धनबाद पुलिस ने बरवाअड्डा के भितिया में छापेमारी की. झोपड़ीनुमा घर में चुल्हे के नीचे एक घड़ा बरामद किया. घड़े में लूट कर सोना बरामद किया गया. इसके साथ-साथ गिरोह में शामिल अन्य सदयों के निरसा, सोनारडीह कतरास, और सिंदरी स्थित घर पर एक साथ दबिश दी गई थी. गिरोह के सभी सदस्य आपस में रिश्तेदार भी थे. पूरी छापेमारी में लाखों रुपए नकद, भारी मात्रा में सोने के आभूषण, लूट के पैसों से खरीदे गई नई यामहा बाइक, घटना में प्रयुक्त बोलेरो सहित अन्य सामान बरामद किए गए थे. उस दिन तीन महिला समेत सात लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. इस कांड का सरगना दशरथ महतो को पुलिस ने एक माह बाद 31 मार्च 2013 को हजारीबाग के बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था.