रांची। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधार के दावे मंत्री से लेकर अधिकारी कर रहे हैं. वहीं मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की बात की जा रही है. लेकिन हॉस्पिटल में वैक्सिनेशन वाली और सिरिंज ग्लब्स जैसी मामूली चीजें भी उपलब्ध नहीं हैं. जिससे वार्ड से लेकर वैक्सीनेशन सेंटर में तैनात नर्सिंग स्टाफ को परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं इसका खामियाजा छोटे बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है. साथ ही उन्हें भी इंफेक्शन फैलने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब हॉस्पिटल में न सिरिंज है और न दवा तो बच्चों का इलाज कैसे होगा. बताते चलें कि हॉस्पिटल का सालाना बजट 400 करोड़ रुपये का है. इसके बावजूद हर दिन इस्तेमाल में आनेवाली चीजों का उपलब्ध नहीं होना समझ से परे है.
बच्चों की विटामिन ए की डोज भी खत्म
हॉस्पिटल में बच्चों के इम्युनाइजेशन वैक्सीनेशन की व्यवस्था है. लेकिन इस सेंटर में पिछले कई दिनों से विटामिन ए खत्म हो गया है. वहीं वैक्सीनेशन में इस्तेमाल की जानेवाली प्रॉपर सिरिंज भी लंबे समय से स्टॉक में नहीं है. फिर भी रिम्स प्रबंधन इसके लिए न तो टेंडर कर रहा है और न ही इसकी डिमांड विभाग से की जा रही है.
सेंटर में इंफेक्शन का खतरा
बच्चों के इम्युनाइजेशन के लिए जगह तो प्रबंधन ने उपलब्ध करा दिया है. लेकिन वहां की दीवारों को देखकर आप जरूर डर जायेंगे. कमजोर और फंगस वाली दीवार से वहां पर हमेशा इंफेक्शन का डर है. जबकि इस सेंटर में लाइफ सेविंग वैक्सीन रखी जाती है. कई बार डायरेक्टर व अधिकारी विजिट भी कर चुके हैं पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.